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जैविक खाद की बढ़ी मांग, पशुपालक हो रहे निहाल

- गोबर से हो रही अच्छी कमाई, मांग ज्यादा एडवांस बुकिंग

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जैविक खाद organic fertilizer

organic fertilizer

बाड़मेर. जिले में बढ़ते सिंचित क्षेत्र के साथ-साथ जैविक खेती का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है। जैविक खेती के चलते जैविक खाद की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। किसान अब रसायनिक खादों की जगह गोबर, बकरी की खाद (मिंगणी) का उपयोग करने में रुचि दिखा रहे हैं। यहीं कारण है कि पिछले कुछ सालों में गोबर, बकरी की खाद की मांग बढ़ी है तो दाम भी दुगुने हो गए हैं। अब पशुपालक को घर बैठे दो हजार-बाईस सौ रुपए प्रति ट्रॉली गोबर के मिल रहे हैं। वह भी एडवांस बुकिंग के रूप में। एेसे में किसान खेती के साथ जैविक खाद का संशय कर अतिरिक्त आय ले रहे हैं। जिले में कृषि ओर पशुपालन अधिकांश लोगों की आय का प्रमुख स्रोत है।

कुछ साल पहले अकाल की मार के चलते पशुपालन के प्रति लोगों की रुचि कम हो रही थी लेकिन अब एक तरफ जहां सिंचित खेती होने से हरा चारा घर में मिल रहा है तो दूसरी ओर गोबर का उपयोग खेती में होने से किसान वर्ग पशुपालन में भी रुचि रख रहा है। यहीं कारण है कि पिछले पशुधन बढ़ा है। वहीं जैविक खाद की मांग भी होने लगी है। रसायनिक खाद की जगह जैविक खाद- जिले में सिंचित खेती शुरू हुई तो रसायनिक खाद की मांग ज्यादा रही, लेकिन धीरे-धीरे किसानों में जागरूकता आई। उनको रसायनिक खाद के दुष्परिणामों की जानकारी हुई तो फिर से देसी खाद की ओर लौटने लगे हैं। जिले में अधिकांश किसान अब जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं। गौरतलब यह है कि खरीफ की बुवाई करीब १९ लाख हैक्टेयर में होती है, जिसमें रसायनिक खाद का उपयोग तक नहीं हो रहा। घर बैठे बुकिंग, नकद भुगतान- जैविक खाद की बढ़ती मांग के चलते बड़े किसानों ने रेवड़ या गोवंश के टोले वाले पशुपालकों से बुकिंग शुरू कर दी। पूरे साल में जो भी खाद होती है, उसकी वे खरीदारी करते हैं जिसके बदले में नकद भुगतान मिल रहा है। जानकारी के अनुसार बाड़मेर और आसपास के क्षेत्रों में २०००- २२०० रुपए ट्रैक्टर ट्रॉली के पशुपालकों को दिए जा रहे हैं।

जैविक फसल की मांग और बढि़या दाम- जैविक खाद से तैयार फसल की मांग भी बाजार में बेहद है। रसायनिक खादों से तैयार फसल की जगह जैविक फसल हाथोंहाथ बिक रही है तो बढि़या दाम भी मिल रहे हैं। कई बड़ी कम्पनियां तो जैविक फसल तैयार करवाती है जिसके चलते भी जैविक खाद की मांग बढ़ी है।

खेती के लिए वरदान- मेरे खेत में पिछले साल बारह फीट का बाजरा हुआ था। जहां एेसा बाजरा तैयार हुआ वहां गायों का बाड़ा है जहां पर्याप्त गोबर था। एेसे में यह तय है कि जैविक खाद खेती के लिए वरदान है।- नरसिंगदान चारण, किसान

जैविक खेती के प्रति बढ़ रहा रुझान- जैविक खेती के प्रति कुछ सालों में रुचि बढ़ी है। अब किसान रसायनिक खाद की जगह जैविक खाद से फसलें कैसे तैयार होगी इसकी जानकारी ज्यादा ले रहे हैं। इसके कारण जैविक खाद की मांग बढ़ी है। इससे किसानों को घर बैठे अतिरिक्त आय भी हो रही है तो पशुपालन के प्रति रुचि भी बढ़ रही है।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी१