5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

world earth day…कंक्रीट में बदल रहा शहर, कहीं दम ने घुट जाए धरा का…

आबादी के बढऩे से कंक्रीट के शहर अब मिलों में फैल रहे

less than 1 minute read
Google source verification
world earth day...कंक्रीट में बदल रहा शहर, कहीं दम ने घुट जाए धरा का...

world earth day...कंक्रीट में बदल रहा शहर, कहीं दम ने घुट जाए धरा का...

बाड़मेर. सिमटते जंगल और कटते पेड़ से पृथ्वी का दम घुटता जा रहा है। आबादी के बढऩे से कंक्रीट के शहर अब मिलों में फैल रहे है। प्राकृतिक आवास की स्थिति नहीं जैसी हो रही है, मानव निर्मित अट्टालिकाएं शुद्ध हवा को रोक रही है। पृथ्वी खुद शुद्ध हवा को तरसती नजर आती है, तो फिर मानव को ऑक्सीजन कहां से मिलेगी। चारों तरफ प्रदूषण ही प्रदूषण के कारक दिखते है। पृथ्वी के मुख्य घटक पानी, वायु, मिट्टी में प्रदूषण इस कदर घुल गया है कि चाहते हुए भी अलग करना मुश्किल प्रतीत हो रहा है। चारों तरफ का वातावरण दम घोंटने वाला महसूस होता है। हर जगह लगता है कि बस ऑक्सीजन मिल जाए और आज के दौर में यही सबसे अधिक दुरुह होती जा रही है।

invest in our planet...

शुद्ध वायु और पानी वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है। इसलिए पृथ्वी दिवस पर हमे यह संकल्प लेना होगा कि इस प्लेनेट को हम बचाएं। साल 2022 की पृथ्वी दिवस की थीम 'इन्वेस्ट इन अवर प्लानेट invest in our planet भी हमें यही संदेश दे रही है। बाड़मेर शहर का यह दृश्य दर्शाता है कि क्रंक्रीट ज्यादा है और हरियाली बहुत ही कम। शहरीकरण के साथ सभी को पृथ्वी को भी सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है। हम जिम्मेदारी के साथ इसे निभाएं और पृथ्वी को बचाने की मुहिम में अपनी भागीदारी निभाते हुए हरियाली बढ़ाने और प्रदूषण के कारकों को खत्म करने का संकल्प लें। दृश्य बाड़मेर शहर का है, जिसे ड्रोन इफैक्ट से ३६० डिग्री पर लिया गया है। संयोजन पत्रिका फोटो जर्नलिस्ट ओम माली और ड्रोन इफैक्ट जसराज दईया का है।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग