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आइसोलेशन वार्ड तो बना दिए पर अभी भी मरीज घरों में, कैसे रुके संक्रमण

- कोरोना पॉजिटिव के बढते आंकड़ों के बाद भी आइसोलेशन वार्ड का नहीं उपयोग - अधिकांश जगह बेड खाली, मरीजों का इंतजार

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आइसोलेशन वार्ड तो बना दिए पर अभी भी मरीज घरों में, कैसे रुके संक्रमण

आइसोलेशन वार्ड तो बना दिए पर अभी भी मरीज घरों में, कैसे रुके संक्रमण

बाड़मेर. सीमावर्ती जिले बाड़मेर में संक्रमण ज्यादा नहीं फैले और कोरोना पर रोक लगे इसको लेकर पूर्व तैयारी के तहत कई जगह अस्थायी आइसोलेशन वार्ड तो बना दिए लेकिन यहां मरीज नहीं पहुंच रहे। जिनको आरम्भिक लक्षण बताए जाते हैं, वे यहां आने के बजाय सीधे घर जा रहे हैं। वहां ध्यान नहीं रखने से संक्रमण ज्यादा फैल रहा है।

बावजूद इसके चिकित्सा महकमा और प्रशासन एेसे मरीजों को आइसोलेशन में रहने को पाबंद नहीं कर रहा। जिले में पिछले पन्द्रह दिन ने कोरोना ने कहर बरपा रखा है। हर दिन आंकड़ा बढ़ रहा है तो चिंता की लकीरें भी। स्थिति यह है कि बाड़मेर जिला मुख्यालय पर राजकीय अस्पताल तो छोड़ अस्थायी बने आइसोलेशन वार्डों में भी बेड की कमी आ रही है। वहीं, बालोतरा में भी कुछ एेसे ही हालात है। प्रशासन ने एेसे हालातों से निपटने के लिए कई जगह आइसोलेशन वार्ड बनाए जरूर लेकिन वहां मरीजों को रखा नहीं जा रहा।

एेसे में ये वार्ड कई दिनों से सूने हैं। सिणधरी मुख्यालय हो या फिर जसोल। बीलासर हो या फिर कहीं और, हर जगह प्रशासन ने एेतिहात के तौर पर जो आइसोलेशन वार्ड बनाए थे, वे खाली है।

होम आइसोलेशन के चलते फैल रहा संक्रमण- गौरतलब है कि जिले में ११ हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव एक्टिव केस हैं। इसमें से करीब तीन हजार लोग होम आइसोलेशन में है। होम आइसोलेशन मरीजों को संस्थागत क्वॉरेंटीन करने के लिए अस्थायी आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं जिससे कि घरों में अन्य लोग उनके सम्पर्क में आकर संक्रिमत न हो। बावजूद इसके चिकित्सा महकमा और प्रशासन एेसे मरीजों को होम आइसोलेशन कर रहा है।

गांवों में खतरा ज्यादा, सावधानी कम- गांवों में इस बार कोरोना का खतरा ज्यादा है, वहां सावधानी कम नजर आती है। एेसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक आने वाले मरीजों को बाड़मेर-बालोतरा तक नहीं जाने पड़े और घर वापिस गए बिना क्वॉरंटीन रह कर इलाज ले सके इसलिए उक्त आइसोलेशन वार्ड खोले गए थे, लेकिन अभी तक यहां मरीज नहीं आ रहे हैं।

नहीं आ रहे मरीज- ग्राम पंचायत जसोल ने पच्चीस बेड का आइसोलेशन वार्ड खोला है लेकिन अभी कोई मरीज नहीं आया है। चिकित्सा महकमा और प्रशासन होम आइसोलेशेन में रहने वालेे मरीजों को अनिवार्यरूप से यहां भर्ती करे तो गांवों में संक्रमण खतरा कम हो सकता है।- ईश्वरसिंह, सरपंच ग्राम पंचायत जसोल

करवा रहे भर्ती- जो सीएचसी पर मरीज आ रहे हैं, उनमें संक्रमित की आशंका पर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करते हैं जिसके जिला अस्पताल पर भार नहीं बढ़ें। आज कुछ जगह मरीज भर्ती हुए हैं। कम लक्षण वालों को घर भेजा जा रहा है।- डॉ. बी एल विश्नोई, सीएमएचओ बाड़मेर


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