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Jaisalmer: कांग्रेस नेताओं को बासनपीर जाने से रोका, हरीश चौधरी की पुलिस से धक्का-मुक्की; मौके पर ही की रामधुनी

Jaisalmer Basanpir Chhatri Dispute: जैसलमेर के बासनपीर गांव में छतरियों के निर्माण को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है।

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Harish Choudhary

हरीश चौधरी की पुलिस से धक्का-मुक्की, फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Jaisalmer Basanpir ChhatriDispute: जैसलमेर के बासनपीर गांव में छतरियों के निर्माण को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। शनिवार को बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और बायतु विधायक हरीश चौधरी को बासनपीर जाने से रोकने पर पुलिस के साथ उनकी तीखी बहस और धक्का-मुक्की हो गई। पुलिस ने बासनपीर से करीब 100 किलोमीटर पहले फतेहगढ़ में भारी बेरिकेडिंग लगाकर उनके काफिले को रोक दिया।

इसके बाद कांग्रेस नेताओं का कहना था कि वे बासनपीर में गांधी रामधुन और सर्वधर्म प्रार्थना के लिए जा रहे थे, ताकि क्षेत्र में भाईचारा और शांति का संदेश दिया जा सके। सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और बायतू विधायक हरीश चौधरी, पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और पूर्व कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद सहित कई कांग्रेस नेता सैकड़ों समर्थकों के साथ बासनपीर के लिए रवाना हुए थे।

हालांकि, जिला प्रशासन ने धारा 163 लागू होने का हवाला देते हुए उन्हें अनुमति नहीं दी। फतेहगढ़ में शिव थानाधिकारी सत्यप्रकाश ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देकर काफिले को आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान सांसद और विधायक ने बेरिकेडिंग हटाने की मांग की, जिसके बाद उनकी थानाधिकारी से बहस और धक्का-मुक्की हुई।

अपणायत में जहर घोलने की कोशिश- हरीश

बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि थार के भाईचारे और अपणायत में जहर घोलने की कोशिश की गई है। हम इस नफरत को खत्म करने के लिए मोहब्बत की दुकान खोलेंगे। उन्होंने प्रशासन पर सत्ताधारी दलों के दबाव में एकतरफा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। चौधरी ने कहा कि उनकी मंशा टकराव पैदा करना नहीं, बल्कि शांति और सौहार्द स्थापित करना है

उन्होंने कहा कि प्रशासन से सभी पक्षों को एक मंच पर लाकर इस विवाद का हल निकालने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम टकराव नहीं चाहते। हमारा उद्देश्य थार की एकता और अपणायत को बचाना है। हरीश चौधरी ने कहा कि हम थार की अपणायत के लिए यह जहर सहन करेंगे और सभी को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। जब स्थिति सामान्य होगी, तब हर सवाल और आरोप का जवाब दूंगा।

सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने इस घटना को थार के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा कि प्रशासन ने जिस सख्ती को आज दिखाया, अगर वह उस दिन दिखाई होती, तो यह विवाद नहीं बढ़ता। उन्होंने दावा किया कि बाहरी लोगों ने स्थानीय लोगों को भड़काने की कोशिश की, जिससे तनाव बढ़ा। बेनीवाल ने प्रशासन से सभी पक्षों को बैठाकर मामले को सुलझाने की मांग की।

बासनपीर से 100 किलोमीटर पहले रोका

बताते चलें कि फतेहगढ़ में पुलिस ने बासनपीर से 100 किलोमीटर पहले भारी बेरिकेडिंग लगाकर सांसद-विधायक के काफिले को रोक दिया था। इसके बाद दोनों नेताओं ने समर्थकों के साथ फतेहगढ़ मैदान में बेरिकेडिंग से महज 50 फीट की दूरी पर दोपहर 1 से 3 बजे तक रामधुनी और सर्वधर्म सभा का आयोजन किया। इस सभा में हर धर्म और जाति के लोग शामिल हुए। सभा के बाद दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ बाड़मेर के लिए रवाना हो गए।

बासनपीर में क्या है छतरियों का विवाद?

बताते चलें कि बासनपीर गांव में 1828 के बीकानेर-जैसलमेर युद्ध में शहीद हुए वीर रामचंद्र सोढ़ा और हदूद पालीवाल की स्मृति में छतरियों का पुनर्निर्माण पिछले छह वर्षों से विवाद का कारण बना हुआ है। 2019 में एक शिक्षक द्वारा छतरी को तोड़ने की घटना के बाद झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति और हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

फिर 2021 में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर दोनों पक्षों के बीच सहमति के बाद प्रशासन की मौजूदगी में निर्माण शुरू हुआ, लेकिन तनाव के कारण काम रोक दिया गया। इसके बाद 10 जुलाई 2025 को छतरियों के पुनर्निर्माण के दौरान एक पक्ष ने पथराव किया, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल हो गए।

पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति पर काबू पाया और करीब दो दर्जन लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं।

बीजेपी विधायक ने सीएम को लिखा पत्र

इस घटना के बाद बीजेपी विधायक महंत प्रतापपुरी ने मुख्यमंत्री भजनलाल को पत्र लिखकर चेतावनी दी कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो जैसलमेर कश्मीर जैसी स्थिति की ओर बढ़ सकता है। बताते चलें कि इस विवाद के बीच दोनों छतरियां बनकर तैयार हो चुकी हैं, लेकिन गांव में तनाव और सन्नाटा बना हुआ है। स्कूली बच्चे भय के कारण घरों से बाहर नहीं निकल रहे। प्रशासन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।