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सिंध में नागरिकता संशोधन बिल पास होने की खुशी अधूरी

- अलबेला इंडिया आना चाहता है...पर रिमझिम रेल बंद - थार एक्सप्रेस बंद होने से टूटा रोटी-बेटी का रिश्ता- सिंध में नागरिकता संशोधन बिल पास होने की खुशी लेकिन अधूरी

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joy of passing citizenship amendment bill in Sindh is incomplete

joy of passing citizenship amendment bill in Sindh is incomplete

बाड़मेर. पाकिस्तान के सिंध इलाके में इन दिनों सर्वाधिक लोकप्रिय गीत अलबेलो इंडिया तो जाए भळै पछो पाछो नी आवे...सगळा बेली भेळा होए फोटूड़ा पाओ...रिमझिम रेल चढ़े अलबेलो इंडिया तो जाए...। सिंध के लोगों में यह गीत इस अर्थ में मशहूर हुआ है कि अब हम हिन्दुस्तान जाएंगे और वापिस नहीं आएंगे।

रिमझिम रेल (थार एक्सप्रेस ) से जाने की बातें कही जा रही है। दरअसल यह गीत करीब छह माह पूर्व सिंध में गाया जाने लगा था लेकिन उन्हें क्या मालूम कि थार एक्सप्रेस बंद हो जाएगी और उनका ख्वाब पूरा नहीं होगा। भारत ने नागरिकता संशोधन बिल लागू किया तो सिंध इलाके के हिन्दुओं के खुशी का ठिकाना नहीं है।

पिछले लंबे समय से पाकिस्तान के इस इलाके में बहुसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहे है। 50 से अधिक हिन्दू बेटियों का अपहरण कर निकाह किया जा रहा है। जिसको लेकर हिन्दू संगठन प्रदर्शन कर चुके है। धर्मांतरण के मामले अब कस्बों से बढ़कर गांवों तक आ गए है। एेसे में हिन्दुओं के लिए अब मुल्क छोडऩे की नौबत है।

यों रोकी थार

कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद में 16 अगस्त 2019 को थार एक्सप्रेस को रोक दिया गया। इसके बाद थार एक्सप्रेस का फेरा नहीं हुआ है। थार एक्सपे्रस रुकने के बाद पश्चिमी सीमा से आने-जाने वाले भारत-पाक नागरिकों के लिए अब रास्ता बंद है।

थार से आए है सारे विस्थापित

18 फरवरी 2006 को थार एक्सप्रेस का संचालन भगत की कोठी जोधपुर से पाकिस्तान तक किया गया। बाड़मेर-जैसलमेर सीमावर्ती क्षेत्र का वीजा नहीं मिलने से पाकिस्तान से आए यात्री जोधपुर में ही रुके। इनमें से जो वापिस नहीं गए वो जोधपुर मंें दीर्घअवधि वीजा पर रह गए है। इनमें से कईयों को नागरिकता भी मिली है।

शुरू हों थार एक्सप्रेस

थार एक्सप्रेस को शुरू करने से रोटी-बेटी का रिश्ता बना रहेगा। सिंध के हिन्दू भारत आना चाहते है। नागरिकता संसोधन बिल भारत में पास होने के बाद उन अत्याचार भी बढ़ रहे है।

भारत के अलावा उनका कोई मददगार नहीं है। थार एक्सप्रेस शुरू हों तो इन परिवारों की मदद हों। गृहमंत्री के सामने यह मुद्दा जोधपुर में रखा जाएगा।

- डा. बाबूदान चारण, अध्यक्ष ढ़ाटपारकर वेलफेयर सोसायटी