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result 12th जानिए, बाड़मेर जिले का विज्ञान वाणिज्य बारहवीं का परिणाम

वाणिज्य 98.65 और विज्ञान में 95.63 प्रतिशत रहा जिले का परिणाम- वाणिज्य में प्रदेश में छठा स्थान- विज्ञान में 21 वां-परिणाम में बेहतर रही बेटियां

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result 12th जानिए, बाड़मेर जिले का विज्ञान वाणिज्य बारहवीं का परिणाम

result 12th जानिए, बाड़मेर जिले का विज्ञान वाणिज्य बारहवीं का परिणाम

बाड़मेर पत्रिका.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से बुधवार को घोषित विज्ञान व वाणिज्य के परिणाम में वाणिज्य वर्ग में जिला प्रदेश में छठे स्थान पर रहा। परिणाम 98.65 प्रतिशत रहा, बेटियां 99.49 प्रतिशत परिणाम लाकर बेटों से अव्वल रही। विज्ञान वर्ग का जिले का परिणाम 95.63 फीसदी रहा, जिले का प्रदेश में इक्कीसवां स्थान रहा है।
खुशियों से खिले चेहरे
दोपहर बाद परिणाम की घोषणा होत ही बेहतर अंकों से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों के चेहरे लिख उठे। परिजनों ने मिठाइयां खिलाई और होनहारों को बधाइयां देने वालों का तांता लगा रहा।
विज्ञान वर्ग
परीक्षा में बैठे
लड़के-3742
लड़कियां-1609
कुल-5351
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उत्तीर्ण लड़के-3567
प्रथम श्रेणी-3052
द्वितीय श्रेणी-475
तृतीय श्रेणी-04
पास-36
प्रतिशत-95.32
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उत्तीर्ण लड़कियां -1550
प्रथम श्रेणी-1256
द्वितीय श्रेणी-294
तृतीय श्रेणी-00
पास-00
प्रतिशत-96.33
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कुल उत्तीर्ण-5117
प्रथम श्रेणी-4308
द्वितीय श्रेणी-769
तृतीय श्रेणी-04
पास-36
प्रतिशत-95.63
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वाणिज्य वर्ग
परीक्षा में बैठे-520
लड़के-323
लड़कियां-197
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उत्तीर्ण लड़के-317
प्रथम श्रेणी-222
द्वितीय श्रेणी-86
तृतीय श्रेणी-09
पास-00
प्रतिशत-98.14
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उत्तीर्ण लड़कियां -196
प्रथम श्रेणी-170
द्वितीय श्रेणी-26
तृतीय श्रेणी-00
पास-00
प्रतिशत-99.49
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कुल उत्तीर्ण-513
प्रथम श्रेणी-392
द्वितीय श्रेणी-112
तृतीय श्रेणी-09
पास-00
प्रतिशत-98.65
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इरादों के पक्के, परिस्थितियों के आगे नहीं झुके
बाड़मेर पत्रिका.
पढऩे वालों के लिए ये विद्यार्थी प्रेरणा कहे जाएंगे जिनको हराने की परिस्थितियों ने तो ठान ली थी लेकिन इनके इरादे इतने पक्के थे कि किसी के आगे नहीं झुके। नतीजा जब बुधवार को परिणाम आया तो ये अव्वल आने वालों की सूची में थे। 98 प्रतिशत लाने वाला विद्यार्थी सूर्यप्रकाश कहता है कि रोशनी इन्हीं विकट हालातों से मिली। सब्जी का ठेला चलाने वाले का बेटा शेराराम कहता है कि हालात नहीं थे कि पढ़े ,लेकिन इन हालातों को सुधारने का जरिया भी तो पढाई ही है, यह बहुत जल्दी समझ में आ गया था। इसलिए पढ़ाई से कभी मन नहीं चुराया।


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