6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अच्छे जमाने से फिर जीवित हुई ‘लाह’

- दर्जनों किसान बगैर मजदूरी लिए आपस में एक-दूसरे का बंटाते हैं हाथ - फसल कटाई, एकत्रित व लिवाई का करते हैं काम- लाह आयोजन वाला किसान बदले में देता है भोज

less than 1 minute read
Google source verification
'Lah' resurfaced due to good times

'Lah' resurfaced due to good times

बालोतरा. जिले व क्षेत्र में इस वर्ष अच्छे जमाने के चलते दीपावली के बाद भी किसान खेतों में फसल कटाई व लिवाई में जुटे हुए हैं। कई दिनों से काम में जुटने के बावजूद फसल की पूरी कटाई नहीं होने पर किसान इन दिनों पारम्परिक 'लाह' का आयोजन किया जा रहा है।

इसमें किसान एक दूसरे का काम बगैर मजदूरी लिए करते हैं। आस-पास के खेतों के किसान एक के खेत में एकत्रित होकर गीत गाते हुए फसल की कटाई करवाने के साथ इसे एकत्रित करते हैं। इसके बाद किसान समय मिलने के अनुसार फसल से अनाज निकालते हैं।

इस पारम्परिक परम्परा में जिस किसान के खेत में लाह होती है। वह काम के बदले शेष किसानों को सुबह- शाम अच्छा भोजन करवाता है। इस पर एक साथ दर्जनों किसानों के फसल कटाई में लगने पर एक ही दिन में यह काम हो जाता है।

इस वर्ष अच्छी उपज पर मजदूरों के आसानी से नहीं मिलने पर अधिकांश किसान लाह कर रहे हंै। इसमें वे एक दूसरे का आपस में हाथ बंटा रहे है।

लाह से करवाई फसल कटाई

इस वर्ष अच्छी फसल हुई है। अधिक पैसे देने के बावजूद फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। इस पर मैंने भी लाह की। दर्जनों किसानों के काम में जुटने पर एक ही दिन में फसल की कटाई होने के साथ यह एकत्रित हो गई। समय के अनुसार अब फसल निकालूंगा। यह अच्छी परम्परा है। इससे सामाजिक एकजुटका का संदेश मिलता है।

नेमाराम प्रजापत किसान रामसीन मूंगड़ा


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग