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रात 2 बजे पालने में आया नवजात, ठिठुरती रात में सन्नाटे को चीरती रही मासूम की सिसकियां

-राजकीय अस्पताल के पालना गृह में नवजात शिशु को छोड़ा

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Left newborn in cradle home of state hospital

Left newborn in cradle home of state hospital

बाड़मेर. तेज सर्दी का सितम दिन में भी इतना अधिक है कि रात का सोचकर ही कलेजा कांप जाता है, इस दौरान गुरुवार मध्य रात्रि के बाद करीब 2 बजे कोई नवजात को राजकीय चिकित्सालय के पालने में छोड़ गया। निष्ठुरता की हद यह हो गई कि नवजात को मामूली कपड़े में लपेटकर कंपकंपाती सर्दी में यहां छोड़ दिया गया।

अस्पताल के एमसीएच यूनिट परिसर में कार्यरत चिकित्साकर्मियों को रात 2 बजे के करीब पालने का अलार्म सुनाई दिया। ड्यूटी दे रहे कार्मिक मेलनर्स द्वितीय अनिल पंवार व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कानाराम बिना किसी देरी के तुरंत पालना कक्ष में पहुंचे।

उन्होंने मासूम की सबसे पहले देखभाल की और उसे कपड़े पहनाकर एसएनसीयू वार्ड में ले जाकर चिकित्सक को सूचना दी। वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. हरीश चौहान अस्पताल पहुंचे तथा मासूम के स्वास्थ्य की जांच की।

सन्नाटे को तोड़ती मासूम की सिसकियां

अलार्म तो कुछ ही देर में बंद हो गया, लेकिन मासूम की सिसकियां रात के सन्नाटे को चीरती रही। कलेजे के टुकड़े को अलग करने वालों ने उसे ढंग से कपड़े भी नहीं पहनाए।

उल्लेखनीय है कि गत साल 2019 में 11 नवजात पालने में आए। वहीं साल 2020 में यह पहला शिशु पालने में आया है।