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पत्रिका न्यूज नेटवर्क/बाड़मेर। रेगिस्तानी इलाकों में टिड्डी अपना कुनबा बढ़ा रही है। जुलाई में कुछ स्थानों पर टिड्डी दिखी थी, अगस्त में इनका दायरा बढ़ चुका है। बीकानेर और जैसलमेर में कुल 23 स्थानों पर टिड्डी नजर आने के बाद विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। टिड्डी को पनपने के लिए वर्तमान में रेगिस्तान में मौसम अनुकूल है।
टिड्डी नियंत्रण विभाग को आशंका है कि इस तरह की परस्थितियों में टिड्डी की संख्या बढ़ सकती है। इस बीच नियंत्रण के लिए विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। अगस्त में कुल 16 स्थानों पर 816 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया।
पिछले दिनों मोहनगढ़ व आसपास में टिड्डी आई थी, जिस पर नियंत्रण कर लिया गया। अभी कहीं पर कोई गतिविधि नहीं है। नियमित सर्वे हो रहा है।-अश्विनी कुमार दवे, वनस्पति संरक्षण अधिकारी टिड्डी मंडल कार्यालय जैसलमेर
बाड़मेर को खतरा: टिड्डी जैसलमेर में पिछले दिनों काफी बढ़ी थी। विभाग ने नियंत्रण गतिविधियां की है और लगातार निगरानी जारी है। पड़ोसी जिले में टिड्डी आने के बाद बाड़मेर में भी चिंता बढ़ी है।
मोहनगढ़ ने बजाई खतरे की घंटी: जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में टिड्डी ने खतरे की घंटी बजाई है। क्षेत्र में कम घनत्व वाले और समूह में होपर्स दिखे। इसके चलते आशंका है कि आगामी दिनों में बरसात होती है तो टिड्डी बढ़ने का खतरा है। सर्वे में बीकानेर और जैसलमेर के कुछ स्थानों पर वयस्क टिड्डी भी दिखी। हालांकि अभी टिड्डी बिखरी हुई है, लेकिन कुछ स्थानों पर समूह नजर आए हैं।
पूर्वानुमान में टिड्डी की संख्या बढ़ने की आशंका: विभाग का पूर्वानुमान है कि सर्वे में प्रत्येक जगह वनस्पति हरी मिली है। आगामी दिनों में प्रजनन क्षेत्रों में अच्छी बरसात होती है तो टिड्डी बढ़ने की पूरी आशंका है। भारत के टिड्डी प्रभाग ने अपने स्तर पर तैयारी कर ली है। नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। राज्य के कृषि विभाग को भी एडवाइजरी जारी की गई है।
Published on:
25 Aug 2023 12:41 pm
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