6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लो टनल खेती से किसान ले रहे फायदा

—फसल का भाव भी मिलता है दोगुना बाड़मेर स्थित गांधव के किसान संतोष विश्राई खेत में नवाचार कर रहे हैं। उन्होंने चार साल पहले पॉली हाउस व नेट हाउस को अपनाया। अब उन्होंने लो टनल से दो हजार वर्गफीट में मतीरा व इतने ही वर्गफीट में खीरा बोया है। इससे उन्हें लाखों रुपए की आमदनी होती है।

less than 1 minute read
Google source verification
लो टनल खेती से किसान ले रहे फायदा

लो टनल खेती से किसान ले रहे फायदा

सर्दी में तापमान रहता है नियंत्रित
खेत में करीब दो फीट की ऊंचाई व लगभग इतनी ही चौड़ाई में विशेष प्रकार की प्लास्टिक शीट लगाकर उसमें बेलदार फसल का बीज बोया जाता है। ज्यादा सर्दी के दिनों में यह शीट तापमान का संतुलन बनाए रखती है। बूंद-बूंद सिंचाई से बीज को पानी मिलता रहता है।

बेल को बांधते हैं तार से
टनल के ऊपर ही तार लगा दी जाती है। शीट हटाने के बाद बेल को तार से बांध दिया जाता है। बंधी हुई बेल अपने आप तार पर चढ़ जाती है। शीट हटने तक सर्दी कम हो जाती है और तापमान सामान्य हो जाता है। इससे बेल व उसमें लगने वाले फल मतीरा, खीरा, टिंडा इत्यादि स्वाभाविक रूप से पक जाते हैं।

फसल बाजार में पहले आने से होता फायदा
मतीरा व खीरे की फसल सर्दी कम होने के बाद बोई जाती है। लो टनल में सर्दी के पीक के दौरान बुवाई हो जाती है। लो टनल वाली फसल बाजार में पहले आ जाती है, जिससे फसल का भाव दुगुने से भी अधिक मिल जाता है। उन्नत किसान संतोष ने बताया कि ओपन फील्ड में इस खेती से 25-25 टन मतीरा व खीरा का उत्पादन होगा। तकनीक आधारित इस खेती से वह लाखों रुपए का मुनाफा हो रहा है।

धर्मसिंह भाटी — बाड़मेर


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग