
बालोतरा शहर के छतरियों का मोर्चा क्षेत्र बहती लूणी नदी। फोटो ड्रोन सहयोग- युवराजसिंह विक्टर
बालोतरा। पश्चिमी राजस्थान की जीवनदायिनी मरुगंगा कही जाने वाली लूणी नदी का पानी गुरुवार को बालोतरा शहर के छतरियों का मोर्चा क्षेत्र में पहुंचा। नदी के आगमन पर शहरवासियों में उत्साह की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ नदी के दर्शन किए और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया। छतरियों का मोर्चा क्षेत्र में नदी के आगमन पर उत्सव जैसा माहौल बना रहा। बता दें कि पांच साल में लगातार तीसरी बार लूणी नदी उफान पर आई है।
इस अवसर पर पचपदरा के पूर्व विधायक मदन प्रजापत ने कार्यकर्ताओं के साथ नदी तट पर विधिवत पूजा-अर्चना कर नदी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि लूणी नदी का आगमन क्षेत्र के लिए वरदान समान है। यह न केवल भूजल स्तर में वृद्धि करेगी, बल्कि किसानों के लिए बेहतर फसल की उम्मीद भी लेकर आई है।
पूर्व सभापति रतन खत्री ने कहा कि यह अवसर केवल पर्यावरणीय दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह क्षण क्षेत्रवासियों के लिए गर्व और खुशी का प्रतीक है।
नदी बहने लगी तो पूजा करने के लिए पहुंचे लोग। फोटो: पत्रिका
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मेहबूब खान सिंधी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष छगन जोगसन, नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष श्रवण सुन्देशा, सतीश खींवसरा, श्रवण पटेल, मोतीलाल माली, राजू पंवार, राजू जीनगर, नेमीचंद मूंगड़ा, सुगेंद्र बोस, धनराज घांची, नेमीचंद माली और अशोक जालवाल सहित कई लोग मौजूद रहे।
लूणी नदी के बहने पर डांस करती महिलाएं। फोटो: पत्रिका
इधर, सुराणा गांव में ढोल-थाली के साथ झूमते हुए ग्रामीणों ने चुनरी ओढाकर और मंगल गीत के साथ लूणी नदी का स्वागत किया। रामपुरा गांव में भी नदी में पानी पहुंचा तो लोगों में उत्साह नजर आया।
नदी में चुनरी ओढ़ाते हुए। फोटो: पत्रिका
मरुगंगा कही जाने वाली लूणी नदी के बहने पर जश्न मनाते लोग। फोटो: पत्रिका
सराणा, जानियाना, बिठूजा के बाद बालोतरा में नदी पहुंची तो लोगों ने चुनरी ओढ़ाकर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नारियल चढ़ाकर नदी का स्वागत किया। इस दौरान ग्रामीण खुशी का इजहार करते नजर आए।
प्रदेश में मानसून की मेहरबानी के चलते लूणी नदी में लगातार तीसरे साल पानी आया है। वहीं, पिछले 11 साल की बात की जाएं तो 7 बार लूणी नदी में पानी आया है। इससे पहले साल 2015, 2016, 2017, 2019 में लूणी नदी में पानी आया था। इसके अलावा साल 2023 और 2024 में भी लूणी नदी में पानी आया था।
लूणी नदी का उद्गम स्थल अजमेर शहर के दक्षिण पश्चिम अरावली पर्वत श्रृंखला से है। यह प्रदेश के अजमेर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमन्द, सिरोही एवं उदयपुर जिलों में बहती हुई गुजरात राज्य के कच्छ के रण में जाकर मिलती है। लूणी नदी की मुख्य सहायक नदियां सागरमती, सरस्वती, बांडी, लीलरी, रायपुर लुणी, सुखरी (हेमावास), सागी ओर सुकरी नदियां है। राजस्थान में इस नदी के बहाव की लम्बाई 496 कि.मी. है। राजस्थान में इसका कैचमेंन्ट एरिया 37.363 लाख हैक्टेयर है।
Updated on:
18 Jul 2025 11:51 am
Published on:
18 Jul 2025 10:46 am
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