Loksabha Election 2024 में देश की बड़ी हॉट सीट में शुमार बाड़मेर से निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati ) की हार भी चर्चा में है। नतीजों के दस दिन बाद भी समर्थक भाटी की हार नहीं पचा पा रहे हैं.. जाहिर है रविन्द्र सिंह भाटी यूथ आइकॉन के तौर पर चुनाव लड़े औैर उनकी जीत को लेकर दावों का गणित तेजी पर रहा। इसके बावजूद वे चुनाव हार गए। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि रविन्द्र सिंह भाटी आखिर क्यों हारे..? और अब हर कोई ये जानना चाहता है कि राजनीति में उनका भविष्य क्या है..?
दरअसल, इसके लिए हमें 6 महीने पीछे जाना होगा.. पिछले साल 3 दिसंबर को आए राजस्थान विधानसभा के चुनावी नतीजों में रविन्द्र सिंह भाटी शिव विधानसभा से विधायक बने तो उनके पास करीब 80 हजार वोट थे। लेकिन 6 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में उनके वोटों की संख्या 5 लाख 86 हजार 500 हो गई है। यहां उनकी जीत भले ही नहीं हुई हों लेकिन भाटी ना सिर्फ पश्चिमी राजस्थान बल्कि पूरे सूबे में यूथ आइकन के तौर पर स्थापित हो गए हैं। एक निर्दलीय के तौर पर इतने वोट लाना रविन्द्र सिंह भाटी का कद बढ़ाता है।