
माला ना साफा, शिलापट्टिका पर नाम का मोह भी होगा छोडऩा
बाड़मेर. सरकारी कार्यक्रमों में अब अधिकारी व कार्मिक न तो अपना स्वागत-सत्कार करवा पाएंगे और ना ही शिलापट्टिकाओं पर अपना नाम लिखवा पाएंगे। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग ने पूर्व में जारी आदेशों की पालना नहीं होने पर इसे गंभीरता से लेते हुए फिर से निर्देश जारी कर पालना सुनिश्चत करने को कहा है। इस पर जिला प्रशासन ने सभी विभागों को आदेश जारी कर अनिवार्यरूप से पालना करने को कहा है।
राजकीय उपक्रम, बोर्ड, निगम या स्वायतशासी संस्थाओं में सरकारी भवनों के शिलान्यास, उद्घाटन कार्यक्रमों व राजकीय समारोह जिसमें सरकार की आंशिक या पूर्ण राशि व्यय हो रही है, उसमें सरकारी कार्मिक व अधिकारी माला या साफा नहीं पहन सकेंगे।
प्रशासनिक सुधार एवं समन्वयविभाग राजस्थान सरकार ने आदेश जारी कर इसकी पालना सुनिश्चित करने को कहा है। इतना ही नहीं भवनों का उद्घाटन, शिलान्यास जनप्रतिनिधियों से ही करवाना होगा। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे उद्घाटन, शिलान्यास कार्यक्रम नहीं करे और ना ही शिलापट्टिकों पर अपना नाम लिखवाएं।
स्वागत से भी परहेज- आदेश के अनुसार सरकारी अधिकारी, कार्मिक राजकीय कार्यक्रमों, जनसुनवाई,अभियान आदि में माला व साफा नहीं पहनें। वे एेसी कोई घोषणा या आश्वासन भी नहीं दे सकेंगे जिसका क्रियान्वयन करना संभव नहीं हो। विभिन्न परियोजनाओं को लेकर अधिकारी या कार्मिक का नाम से बखान नहीं कर सकेंगे।
जनप्रतिनिधियों का करना होगा सम्मान- आदेश के अनुसार सरकारी कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों विशेष: संबंधित कार्यस्थल से संबंधित को अनिवार्यरूप से समारोह में आमंत्रित करना होगा। वहीं कार्यक्रम की सूचना भी उन तक समय पर पहुंचाने का जिम्मा संबंधित कार्मिक या अधिकारी तथा उसकी पुष्टि भी करनी होगी। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को बैठने के साथ उचित सम्मान भी देना होगा। वहीं, सांसद, विधायक की जनसुनवाई में भी अधिकारियों को शिष्टाचार से पेश आने के निर्देश दिए गए हैं।
दिशा-निर्देश जारी किए- हालांकि आदेश पूर्व में जारी हुआ था, जिसकी पालना काफी हद तक की जा रही है। बावजूद इसके पूर्णत: आदेश की पालना को लेकर जिले के सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं।- विश्राम मीणा, जिला कलक्टर बाड़मेर
Published on:
17 Feb 2021 08:26 pm
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