
परतकात्मक तस्वीर: पत्रिका
बाड़मेर। पंद्रह साल की एक नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद टांके में कूदकर आत्महत्या का प्रयास करने के मामले में पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। पीड़िता का राजकीय अस्पताल में चार दिन से उपचार चल रहा है, लेकिन पुलिस महज पर्चा बयान के बाद खानापूर्ति करती रही। जबकि पीड़िता की मां का आरोप है कि तीन युवक बेटी को उठाकर ले गए, फिर गलत काम किया। शर्म के मारे बेटी जान देने के लिए टांके में कूदी, लेकिन कम पानी होने से बच गई। एक दिन पहले पुलिस टीम अस्पताल आई, लेकिन सामान्य पूछताछ के बाद लौट गई। घटना 23 मई की रात की है।
पीड़िता की मां ने बताया कि टांके से उसे बाहर निकालकर निजी अस्पताल लेकर गए। जहां उपचार के बाद बेटी को होश आया। इसके बाद बेटी के साथ गलत हरकत की जानकारी मिली तो रात को हेल्पलाइन के जरिए पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद पर्चा बयान दर्ज किया। इसके बाद नाबालिग बालिका की हालत खराब होने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उसका उपचार हुआ।
पीड़िता की मां ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद 26 मई को पुलिस अस्पताल आई थी, लेकिन न तो कोई बयान लिए और न ही कोई हमसे रिपोर्ट मांगी। मां ने कहा कि गरीब हूं, मुझे न्याय चाहिए। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
थानाधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि 23 मई की रात कंट्रोल रूम के जरिए सूचना मिली थी। मौके पर गए, जांच के बाद पर्चा बयान लिया। बलात्कार जैसी कोई बात हमें नहीं बताई गई। आज इस तरह की जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट व बयानों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। रामसर वृत्त डिप्टी मानाराम गर्ग ने बताया कि पर्चा बयान में गैंगरेप की बात सामने नहीं आई है। जांच कर रहे है, अगर ऐसी कोई बात है तो सख्त कार्रवाई करेंगे।
Updated on:
27 May 2025 08:15 pm
Published on:
27 May 2025 08:14 pm
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