6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

झोंपे में बिराजी है देवी मां इसलिए रामसर में नहीं बनते दो मंजिला मकान

-1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान यहां गिरे बम...

2 min read
Google source verification
photo_2022-10-01_15-50-08.jpg

रामसर में झोंपे में बना मां का मंदिर।

बाबूसिंह भाटी रामसर. बाड़मेर जिले के कस्बे में स्थित माताजी का मन्दिर कस्बे एवं आसपास के गांवों के लोगों के लिए आस्था एवं विश्वास का केन्द्र बना हुआ हैं । यह मंदिर लगभग 200 से 250 साल पुराना है ।इस मंदिर में विराजमान मूर्ति प्रेमसिंह जाडेजा को ऊंट चराते हुए मिली थी। इसके माताजी ने पहला परचा भी उन्हें ही दिया। उसके बाद उन्होने मां के मंदिर की मूर्ति स्थापना करवाई । वहीं आज प्रेम सिंह का पालिया भी माताजी के पास में ही बना हुआ हैं। भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को माताजी का भव्य मेला लगता है । रामसर कस्बे का देवी माताजी का मंदिर सबसे बडा़ आस्था का केन्द्र हैं। यहां दर्जनों गांव के लोग मेले में शिरकत करते हैं और देवी मां की परिक्रमा कर अपने सुखद भविष्य की कामना करते हैं। वर्तमान में जहां पर देवी के मंदिर बने हुए है। एक सराय यात्रियों के रूकने के लिए बनी हुई है। एक जैसलमेर के पत्थर से प्रोल बनी हुई है।

यह भी पढे़: राजस्थान में सरकारी स्कूलों से हो रहा मोह भंग


झोंपे में आज भी विराजमान है मां... रामसर कस्बे के ठीक पूर्व में बने मंदिर परिसर में आज भी माताजी छोटे झोंपे में विराजमान है। यहां ग्रामीणों के अनुसार माताजी झोंपे में विराजमान होने के कारण यहां गांव लोग दोहरी मंजिल के मकान नहीं बना सकता है।
1965 में भारत पाक युध्द में यहां गिराए थे बम.. भारत पाकिस्तान के लड़ाकू विमान द्वारा यहां 1965 में बम गिराए गए। जिसमें से एक भी बम नहीं फटा। फिर यहां गिरे हुए बम भारतीय सेना ने कब्जे मे ले लिए।अगर वो बम आज तक मंदिर में होते तो तनोट माताजी के मंदिर की तरह प्रसिध्दि होती।

यह भी पढे़: आओ स्कूल चले हम का नारा ‘बेअसर’, आधे बच्चों ने नहीं छोड़ा ‘घर’

बिर्गेडियार भवानी सिंह ने भी यहां करवाई थी जोत... सन्1971 में ब्रिगेडियर भवानी सिंह का मंदिर के पास कैम्प था।रात्रि में मंदिर जाकर माताजी की जोत करवा जीत की कामना की गई। कहते है माताजी के आशीर्वाद से उन्होंने छाछरों फ़तह कर जंग में जीत हांसिल की। इसे थार की वैष्णों देवी कहे तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग