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वाल्मीकि समाज की बेटियों के शादी में युवाओं ने भरा मायरा, निभाई शादी की रस्में

- पिता की एक साल पहले मौत, बेटियों की शादी में युवाओं न एकत्र किए सवा लाख

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सिणधरी बाड़मेर. बेटियों के सिर से पिता का साया एक साल पहले उठ गया। जब शादी की बात चली तो परिवार को चिंता सताने लगी। लेकिन उड़ान ग्रुप मददगार बनकर आगे आया और बेटियों का धूमधाम से विवाह संपन्न हुआ।
राजकीय अस्पताल सिणधरी में सफाई कार्मिक वासुदेव वाल्मीकि की एक वर्ष पूर्व कैंसर के कारण मौत हो गई थी। मुखिया की मौत के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई। पत्नी पर परिवार की जिम्मेदारी का भार आ गया। वासुदेव के छह बेटियां व दो बेटे हैं। परिवार को दो बड़ी बेटियों की शादी की िचंता सताने लगी। सिणधरी के स्थानीय युवाओं की ओर से संचालित उड़ान 20-20 ग्रुप ने आगे आकर वासुदेव की बेटियों की शादी की जिम्मेदारी लेकर शुक्रवार को धूमधाम से पारिवारिक परंपरा से शादी करवाई।

ग्रुप के संयोजक श्रवण गोदारा ने बताया कि आर्थिक स्थिति से कमजोर परिवारों की हमेशा मदद की जा रही है। सफाई कर्मचारी की दो बेटियों की शादी की भी जिम्मेदारी लेकर शुक्रवार को धूमधाम से शादी करवाई गई। ग्रुप की प्रेरणा से सुमित जोड़ा, नवीन कुमार टेलर, विकास बामल, अमित वर्मा, अर्पित कुश वाह व प्रदीप गुप्ता ने मिल कर मेहमानों के खाने-पीने की व्यवस्थाएं की। वहीं कन्यादान स्वरूप ग्यारह हजार रुपए नकद सहयोग किया।
मायरे की रस्म भी निभाई
ग्रुप ने सभी सदस्यों के साथ मिलकर मायरा की रस्म अदा करते एक लाख पच्चीस हजार रुपए का मायरा भरा। इस दौरान सरपंच जब्बरङ्क्षसह महेचा, धनङ्क्षसह चौहान, बाबूभाई भेडाणा, बन्टी भाई सिन्धी व अध्यापक नवलाराम सारण सहित ग्रुप सदस्य मौजूद रहे।


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