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स्मार्ट विलेज योजना के नाम पर राज्य सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों का चयन तो कर लिया गया, लेकिन इसके लिए अलग से बजट और कार्य योजना नहीं है। राज्य व केन्द्र की ओर से संचालित मौजूदा योजनाओं से ही इन गांवों को राशि मिलेगी। एेसे में स्मार्ट योजना में चयनित ग्राम पंचायतें ठगा सा महसूस कर रही है। मंगलवार को इस संबंध में कार्यशाला आयोजित कर चर्चा की गई। प्रस्तावित गांवों में जन प्रतिनिधियों एवं उपखंड अधिकारियों की मौजूदगी में कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
तीन हजार तक की आबादी के बाड़मेर जिले के 84 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जाना है। इसमें सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत जिले में 16 एवं जैसलमेर जिले में दो गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जाना है। इसमें स्मार्ट प्रौद्योगिकी एवं संसाधनों के उपयोग के जरिए ग्रामीण इलाकों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्य योजना तैयार करते समय विभागीय निदेर्शों की पालना करते हुए सही मायने में स्मार्ट विलेज बनाने की दिशा में प्रयास किए जाए। गैर अनुमत कार्यों को मनरेगा, राज्य वित आयोग एवं जन सहयोग से करवाने की कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने विगत वर्षों के कार्यों का समायोजन कर उपयोगिता प्रमाण पत्र भिजवाने के निर्देश दिए। स्मार्ट विलेज में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के समस्त आवासों की इसी वर्ष स्वीकृति जारी कर दी जाएगी।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने स्मार्ट विलेज की कार्य योजना 29 मई तक आवश्यक रूप से भिजवाने के निर्देश दिए। नेहरा ने कहा कि आंगनबाड़ी, खेल मैदान, गोदाम जैसे कार्यों की स्वीकृति मनरेगा में कराई जाए। स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता के कार्य करवाने के निर्देश दिए। कार्यशाला में परियोजना अधिकारी भास्कर दत्त त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता रामबाबू शर्मा, गीतिका, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच, परियोजना अधिकारी लेखा मेवाराम बालन समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
स्मार्ट विलेज में होगी कई सुविधाएं
स्मार्ट विलेज में सार्वजनिक पार्क, खेल मैदान विथ ओपन जिम के अलावा वाई फ ाई की सुविधा, सीनियर सैकण्डरी स्कूल, प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केन्द्र, पशु चिकित्सा केन्द्र, दुग्ध उत्पादन समितियों का गठन, स्वच्छ पेयजल सुविधा, अन्न भंडार गृह, प्रधानमंत्री आवास योजना, आदर्श तालाब, जल निकास प्रबंधन के लिए पक्की नालियां, सामुदायिक शौचालय, चरागाह विकास के लिए चारदीवारी, गौरव पथ, स्ट्रीट और सौलर लाइट, कचरे उठाव के लिए ट्रेक्टर ट्रॉली एवं रिक्शे की व्यवस्था भी शामिल रहेगी।
Published on:
24 May 2017 09:27 am
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