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नंदी गोशाला संचालन: कांग्रेस-भाजपा आमने सामने

-नगर परिषद बोर्ड बैठक में संचालन व एमओयू का प्रस्ताव पारित, भाजपा ने किया विरोध- गहमा-गहमी का माहौल, पूरे दिन चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर -सुबह विधायक ने कहीं अपनी बात, शाम को भाजपा ने रखा पक्ष

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Nandi Gaushala operations: Congress-BJP face to face

Nandi Gaushala operations: Congress-BJP face to face

बाड़मेर. नंदी गोशाला संचालन के एमओयू को लेकर मामला बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस-भाजपा अब आमन-सामने हो गए हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर बुधवार को पूरे दिन चला। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन अपनी बात पर अड़े रहे, तो उधर भाजपा नियमों का हवाला देते हुए बोर्ड बैठक बुलाने को गलत बताया, वहीं गोशाला संचालन को लेकर विधायक पर आरोप लगाए। इस बीच बोर्ड बैठक में नंदी गोशाला के संचालन एमओयू को लेकर प्रस्ताव पारित करवा लिया गया।

नगर परिषद बोर्ड बैठक के लिए 48 घंटे पहले पहले एजेंडा जारी करते हुए बुधवार सुबह आहूत की गई। इस बीच पार्षद रेणू दर्जी व अन्य ने मंगलवार को कोर्ट में बैठक पर स्थगन के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।

इस बीच बैठक हो गई, बैठक में पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष ने प्रस्ताव पारित मान लिया और बैठक एकमात्र एजेंडा नंदी गोशाला को लेकर समाप्त हो गई। जबकि विपक्ष यह कहता रहा कि बैठक बुलाई है तो हमारी बात भी सुननी चाहिए। इस बैठक में सभापति भी नहीं आए। उनको फोन किया तो बंद मिला।

यहां से शुरू हुआ था मामला

नगर परिषद आयुक्त ने 48 घंटे पहले बोर्ड बैठक का एजेण्डा जारी किया था, जिसमें बताया कि शहर में बेआसरा पशुओं से निजात दिलाने के लिए नंदी गोशाला निर्मित की गई है। वर्तमान में कांजी हाउस का नगर परिषद संचालन करती है, जहां 6-7 लाख प्रतिमाह खर्च होते हैं।

जबकि नंदी गोशाला में करीब 2500 पशु होंगे। ऐसे में खर्च 30-35 लाख रुपए होगा, जो नगर परिषद वहन करने में असमर्थ है। ऐसी स्थिति में बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर गोशाला रखरखाव व संचालन को लेकर एमओयू होगा।

बैठक हंगामे की भेंट चढ़ी, विधायक-आयुक्त ने कही अपनी बात

एकमात्र एजेंडा गोशाला संचालन को लेकर आहूत बैठक के बुधवार को हंगामे की भेंट चढऩे के बाद विधायक ने नगर परिषद में आयुक्त कक्ष में मीडिया से रूबरू होते आरोप लगाया कि सभापति को भाजपा समर्थन दे रही है। इसलिए सभापति शहर का विकास नहीं करने दे रहे हैं।

इसके लिए मैंने जनता से माफी भी मांगी है। जहां तक अन्य संस्था से संचालन की बात है तो जिस संस्था के साथ एमओयू हो रहा है, वह गोशाला के लिए सबकुछ करेगी। विपक्ष चाहता है कि दो साल पुरानी संस्था को संचालन का कार्य दिया जाए, लेकिन नई संस्था को दें तो इसमें क्या आपत्ति है।

आखिर शहर को बेआसरा पशुओं से निजात मिल रही है, इसमें सहयोग करना चाहिए। जबकि विपक्ष अड़ंगे लगा रहा है।
आयुक्त पवन मीणा ने बताया कि बैठक से पहले एजेंडे में संचालन को लेकर पूरी जानकारी दे दी थी, पार्षदों को बता दिया था। बैठक में प्रस्ताव के विरोध में 4-5 पार्षदों ने विरोध जताया।

बाकी ने सहमति दी, इसलिए गोशाला संचालन प्रस्ताव पारित हो गया। संस्था के साथ एमओयू के बाद मॉनिटरिंग नगर परिषद की रहेगी। जिला प्रशासन के अधिकारी निरीक्षण कर सकेंगे। हमने नंदी गोशाला को लेकर जो प्रक्रिया अपनाई वह बिल्कुल सही है। कांजी हाउस के पशुओं को भी नंदी गोशाला में शिफ्ट किया जाएगा।

विधायक खुद है गोशाला संचालन समिति के अध्यक्ष

इस बीच शाम को भाजपा जिलाध्यक्ष दिलीप पालीवाल ने मीडिया से कहा कि बोर्ड बैठक नियमानुसार नहीं बुलाई गई। गोशाला के संचालन की जो संस्था है, उसके अध्यक्ष खुद विधायक मेवाराम जैन है। यह गलत है, विधायक की संस्था क्यों गोशाला का संचालन करना चाहती है। शहर को बेआसरा पशुओं से निजात मिले, यह हम भी चाहते हैं, लेकिन कोई भी कार्य हो, नियमानुसार तो होना चाहिए।

किसी एक संस्था के साथ एमओयू कैसे किया जा सकता है, जो आपको ठीक लगी। इसके लिए निविदा निकालनी चाहिए, जिससे पूरा कार्य पारदर्शिता के साथ होता। पालीवाल ने आरोप लगाया कि आयुक्त को एपीओ इसलिए किया था कि वे विधायक जैन के मनमर्जी के कार्य नहीं करते थे। अब चुनाव नजदीक है इसलिए विकास कार्य नहीं होने का ठिकारा सभापति लूणकरण पर फोडऩा चाहते हैं।

पहले भी पूर्व सभापति उषा जैन के वक्त विधायक जैन ने उनसे गलत पट्टे जारी करवाए थे। यूआइटी पूर्व चेयरपर्सन प्रियंका चौधरी ने आरोप लगाया कि बाड़मेर में विधायक ने भूमाफिया को संरक्षण दिया है। बाड़मेर को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सभापति को फंसाने का ही विधायक का काम रहा है। सबसे ज्यादा भ्रष्ट बाड़मेर नगर परिषद है।

पूरे दिन के घटनाक्रम पर एक नजर

सुबह 11.31 विधायक पहुंचे नगर परिषद

सुबह 11.32 को आयुक्त ने सभापति को लगाया फोन
सुबह 11.33 पर उपसभापति को बैठाया चेयरपर्सन की कुर्सी पर

सुबह 11.34 पर बैठक की शुरुआत के लिए की पूजा और विपक्ष का विरोध
सुबह 11.43 तक चला हंगामे का दौर

सुबह 11.44 पर प्रस्ताव पारित
सुबह 11.45 पर बैठक से निकले विधायक

सुबह 11.50 पर विधायक-आयुक्त मिले मीडिया से
शाम 5.50 पर भाजपा जिलाध्यक्ष मीडिया से रूबरू