5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना का बड़ा नुकसान: एक स्कूल में 01 बच्चे के प्रवेश का भी नहीं औसत, 1255 बच्चों का ही जिलेभर में दाखिला

- 15 हजार के करीब बच्चों ने लिया था पिछले साल प्रवेश- 3955 स्कूल है जिलेभर में - 08 हजार के करीब शिक्षक लगे है प्रवेशोत्सव में

3 min read
Google source verification
Only 1255 children are admitted in the district

Only 1255 children are admitted in the district

बाड़मेर पत्रिका.
कोरोना का भय अभिभावकों के दिल में ऐसा बैठ गया है कि उनका स्कूल में दाखिला करवाने से भी कतरा रहे है। सीमांत बाड़मेर जिले में प्रवेशोत्सव के प्रथम चरण यानि 15 जुलाई तक महज 1255 बच्चों का ही जिलेभर में आठवीं कक्षा तक नवप्रवेश हुआ है। करीब 5500 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय जिले में है,इस लिहाज से हर चौथी स्कूल में एक बच्चा आया है। प्रवेश इतने कम आंकड़े को देखते हुए शिक्षा विभाग ने 15 अगस्त तक प्रवेशोत्सव को तो बढ़ा दिया है लेकिन कोरोना की वजह से अभिभावक विद्यालय नहीं आ रहे और शिक्षक भी संपर्क करने से कतरा रहे है। आलम यह है कि जिले के 10 हजार से अधिक शिक्षकों को एक-एक बच्चे के लिए अब मुश्किल आ रही है। ऑन लाइन संदेश देकर बच्चों को भर्ती करवाने का गणित भी फेल होने लगा है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक गत साल जुलाई माह तक 15 हजार से अधिक बच्चों का प्रवेश जिलेभर में हो गया था, जिसके मुकाबले यह आंकड़ा ऊंट के मुंह में जीरे से भी कम है।
स्कूल खुले ही नहीं
मार्च माह में लॉकडाउन के बाद से स्कूल बंद है। इसके बाद परीक्षाएं भी नहीं हुई। नए सत्र में शिक्षकों का स्कूल पहुंचना अनिवार्य हो गया लेकिन बच्चों का प्रवेश नहीं है। ऐसे में स्कूल में पढ़ाई का माहौल ही नहीं है। स्कूल खुला हों तो अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर दिलचस्पी लेते है लेकिन अब बंद स्कूल में वे भी इस इंतजार में है कि जब स्कूल खुलेगा तब ही दाखिला करवा देंगे।
सर्वे करवा रहा विभाग
शिक्षा विभाग की ओर से इधर जिलेभर में हाऊस होल्ड सर्वे प्रारंभ किया गया है। इसके तहत 18 साल तक की उम्र के सभी बच्चों का सर्वे किया जा रहा है। इसमें 03 से 05 साल के बच्चों को आंगनबाड़ी में जाने योग्य माना जाएगा। इसके बाद के बच्चों को स्कूल में। अनामांकित, डॅ्राप आऊट का आंकड़ा प्रत्येक राजस्व गांव व विद्यालय क्षेत्र के हिसाब से तय हो जाएगा। इसके बाद शिक्षकों को लक्ष्य दिया जाएगा कि वे इन सभी बच्चों को जोड़ें। यह कार्य भी 15 अगस्त तक पूर्ण होने की उम्मीद है।
कैसे होगी पंचायत उजियारी
कोरोना के काल में बच्चों के प्रवेश को लेकर आ रही दिक्कत के बीच उजियारी पंचायत का नई योजना पर कार्य प्रारंभ किया है। इसमे ऐसी ग्राम पंचायतें जहां शत प्रतिशत नामांकन होगा उनको उजियारी पंचायत घोषित किया जाएगा। इसमें अब सरपंचों की परेशानी बढ़ गई है कि जब कोरोना में बच्चों का प्रवेश ही नहीं हो रहा है तो फिर उसको उजियारी पंचायत कैसे घोषित करवा पाएंगे? 15 अगस्त तक विद्यालयों में प्रवेश नहीं हुए तो फिर मुश्किल हो जाएगी।
पत्रिका व्यू
शिक्षा विभाग ऑन लाइन पढ़ाई की तरह ऑन लाइन विद्यालय प्रवेश प्रक्रिया शुरू करें। प्रत्येक ग्राम पंचायत में इसका लक्ष्य दिया जाए। विद्यालय जाने योग्य बच्चों की सूची सात दिन में तैयार कर विद्यालय में बच्चों का प्रवेश करवाया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह पीढ़ी पढ़ाई में एक साल पीछे हो जाएगी जिसका उनको उम्रभर नुकसान होना है। सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा है,ऐसे में इस दौर में सरकारी स्कूलों को और ज्यादा मेहनत कर प्रवेश बढ़ाने का अवसर भी है।
नहीं हुए है प्रवेश
14 जुलाई तक 1255 प्रवेश ही हुए है और 18 जुलाई तक आंकड़ा अभी नहीं आया है,लेकिन 1800-2000 के बीच ही प्रवेश होंगे। कोरोना की वजह से यह समस्या आ रही है। अभिभावक प्रवेश नहीं करवा रहे है। विभाग की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे है। यह सही है कि पिछले करीब कई सालों में हर बार प्रत्येक स्कूल में दो-पांच प्रवेश होने से प्रवेशोत्सव का आंकड़ा हजारों में रहा है लेकिन इसबार बहुत कम है। - मूलाराम चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग