
खेतों की सार संभाल में जुटे धरतीपुत्र, चलने लगी तवी
बाड़मेर. खरीफ की बुवाई से पहले धरतीपुत्र खेतों की सार संभाल में जुटे हुए हैं। गर्मियों में खेत में तवी चलाने से खरीफ की उपज बढि़या होती है इसलिए सैकड़ों किसान खेतों में तवी दे रहे हैं। वहीं, कई जने अभी से घास-फूस हटा खेतों में खाद डाल रहे हैं जिससे कि बारिश में खेत बेहतर पैदावार दे सके। गौरतलब है कि जिले में करीब साढ़े सौलह लाख हैक्टेयर में ख्ररीफ की बुवाई होती है। एक तरफ जहां आमजन बढ़ती गर्मी के चलते पंखे-कू लर लगा आराम कर रहा है तो दूसरी ओर किसान भरी दुपहरी में खेतों की देखभाल कर रहे हैं।
अमूमन में बारिश होने के बाद किसान खेतों की ओर रुख करते हैं, लेकिन कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर अब किसान बारिश से पहले खेत में तवी देने के साथ समतलीकरण, खाद डालने का काम करते हैं, जिससे कि आने वाली खरीफ की फसल बेहतर हो सके।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मई-जून में पड़ी जमीन को तवी देकर ऊपर-नीचे करने पर अंदर से फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जीवाणू नष्ट हो जाते हैं। वहीं, नीचे की मिट्टी ऊपर आने से ऊपर की उपजाऊ मिट्टी नीचे चली जाती है जिससे बेहतर उपज की उम्मीद रहती है।
मई-जून बेहतर-कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मई-जून में तेज गर्मी पड़ती है। इस दौरान खेतीबाड़ी को लेकर जमीन को उथल-पुथल करना बेहतर रहता है। जमीन के नीचे के जीवाणू बाहर निकल जाते हैं जो गर्मी के चलते मर जाते हैं। इससे जमीन की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है। १६.५ लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई- जिले में साढे़ सौलह लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई होती है। इसमें सर्वाधिक बुवाई बाजरे की होती है जो करीब साढ़े आठ लाख हैक्टेयर में होती है। वहीं, मूंग, मोठ, ग्वार आदि की बुवाई काफी होती है।
अभी करें खेतों की देखभाल- खरीफ की बुवाई से पहले किसान अभी खेतों की देखभाल करें। मई में तवी वगैराह लगाने से जमीन के अंदर के जीणणू, कीटाणू खत्म हो जाते हैं, जिससे फसलों को कम नुकसान होगा।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी
Published on:
28 May 2021 12:39 am
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