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दुकानों पर रोक, वाहनों की आवाजाही बेरोकटोक, सख्ती से ज्यादा समझाइश

- शहर के बाजार रहे सूने, वाहनों की आवाजाही हुई कम- पुलिस करती दिखी समझाइश, घरों में कैद नजर नहीं आए आमजन

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दुकानों पर रोक, वाहनों की आवाजाही बेरोकटोक, सख्ती से ज्यादा समझाइश

दुकानों पर रोक, वाहनों की आवाजाही बेरोकटोक, सख्ती से ज्यादा समझाइश



बाड़मेर. अनलॉकडाउन के बीच बढ़ते कोरोना पॉजिटिव केस के चलते शनिवार से बाड़मेर शहर लॉकडाउन हो गया। जिला प्रशासन की घोषणा के बाद रविवार को फिर से शहर ठहर सा गया। बाजार बंद रहे लेकिन वाहनों की आवाजाही पूर्णत: बंद नहीं हो पाई। पुलिस ने भी सख्ती दिखाने की जगह समझाइश पर ज्यादा ध्यान दिया। हालांकि इस दौरान कुछ दुकानदार चोरी-छिपे दुकानों के शटर खोलते नजर आए। वहीं, तम्बाकू, गुटखा और चाय के शौकीन इसके जुगाड़ में दिखे।
अनलॉकडाउन के बीच बाड़मेर शहर शायद प्रदेश का पहला इलाका होगा जो पूरा लॉकडाउन हो गया है। यहां दो दिन पहले एक साथ 33 कोरोना पॉजिटिव केस मिलने पर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए और लॉकडाउन लगाने का निर्णय किया। ऐसे में शनिवार शाम से ही शहर में लॉकडाउन लगने का पता चल गया था। शनिवार शाम छह बजे के बाद प्रशासन व पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए बाजार बंद करवा दिया तो आवाजाही को लेकर भी सख्ती दिखाई थी। रविवार से सात दिन का लॉकडाउन बाड़मेर शहर में लग गया। इसका पहले दिन अपेक्षाकृत कम असर दिखा।
यह रही स्थिति- मुख्य बाजार, ढाणी बाजार, प्रतापजी की प्रोल, चौहटन रोड, सिणधरी चौराहा, राय कॉलोनी, पनघट रोड, नेहरू नगर सहित विभिन्न इलाकों में दुकानें बंद रही। इस दौरान कुछ जगह दुकानदार पहुंचे और दुकानों के शटर खोलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सख्ती से ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि गली-मोहल्लों में कुछ दुकानें खुली नजर आई।
वाहनों की आवाजाही कम पर रोक नहीं- लॉकडाउन के पहले दिन शहर में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद नहीं हुई। लोग दुपहिया वाहन लेकर इधर-उधर डोल रहे थे। पुलिस भी इनसे ज्यादा पूछताछ या रोकटोक नहीं करती दिखी। हालांकि अहिंसा सर्किल पर पुलिस सख्त नजर आई जहां चारपहिया वाहन चालकों को रोक कर अनावश्य आने पर चालान काटे गए। यहां दुपहिया वाहनों को लेकर उतनी सख्ती नहीं दिखी।
गर्मी बढ़ते ही पसरा सन्नाटा- लॉकडाउन के बीच जैसे-जैसे तापमान बढ़ा वैसे-वैसे आवाजाही भी कम होती नजर आई। दोपहर में तो सडक़ें सूनी ही दिखी। इक्का-दुक्का वाहन आ-जा रहा था।
घरों में कैद नहीं लोग, सडक़ों पर हथाई- लॉकडाउन के बीच इस बार लोग घरों में कैद नहीं हुए हैं। अपने घर के बाहर या आसपास के घरों में उनकी आवाजाही हो रही है। इधर, पुलिस भी पहले दिन सख्त नजर नहीं आई। ऐसे में लॉकडाउन को लेकर आमजन की बेपरवाही दिख रही है।
तलबगारों को हुई परेशानी- जर्दा, गुटखा, तम्बाकू व चाय के शौकीन लोगों को लॉकडाउन में परेशानी का सामना करना पड़ा। ज्यादा दाम देकर भी जर्दा व गुटखा खरीदने के लिए नशेड़ी घूमते नजर आए।
बाहर से आने वाले परेशान- शहर में लॉकडाउन लगा होने पर राजकीय अस्पताल में भर्ती मरीज व उनके परिजन परेशान नजर आए। चाय व खाने का इंतजाम नहीं होता देख वे इधर-उधर भटक रहे थे।
टैक्सियां दिखी ना टैम्पो चले- लॉकडाउन के दौरान शहर में सवारी टैक्सियां स्टेंड पर नजर नहीं आई। वहीं टैम्पो भी नहीं चल रहे थे। ऐसे में बाहर से आने वाले लोग पैदल ही आ-जा रहे थे। हालांकि तिलक बस स्टैंड के बाहर कुछ टैक्सी परमिट कार-जीप खड़ी थी, लेकिन आमदिनों की अपेक्षा कम थी।
बसों पर रोक- लॉकडाउन के बीच बाड़मेर से जोधपुर, जयपुर मार्ग को छोड़ अन्य मार्गों पर बसों के आवागमन पर भी रोक लगी हुई है। ऐसे में बस स्टैंड पर भी सन्नाटा पसरा नजर आया।


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