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राहुल नहीं आए, खड़गे के पोस्टर ही नहीं, गहलोत राजस्थान में उलझे

राहुल गांधी अभी भारत जोड़ो यात्रा में होने से दक्षिण गुजरात की ओर नहीं आए है। ऐसे में बड़ी सभा, रैली और आयोजन नहीं हो पाया है।

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रतन दवे/सूरत (गुजरात) । दक्षिण गुजरात में कांग्रेस की चुनावी नैया के सारे खेवैया गायब है। स्टार प्रचारकों की अनुपस्थिति में कमजोर हो रही कांग्रेस का जोर नजर नहीं आ रहा है। उल्टे आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं ने चीखली और नवासरी के इलाकों में पहुंचकर चुनाव लडऩे के लिए लड़ेंगे-जीतेंगे का बिगुल बजाया जिसको कार्यकर्ता दोहरा रहे है। भाजपा के तरकश में यहां 27 साल की जीत के बड़े चेहरे तो है ही प्रदेशाध्यक्ष सी आर पाटिल भी बड़ा चेहरा बनकर उभर रहा है।

गुजरात में 2017 के चुनावों के प्रचार का बड़ा जिम्मा राहुल गांधी ने लिया था। मंदिर घूमना, जनेऊ पहनना और आदिवासियों के साथ बैठकर खाना खाकर उन्होंने माहौल बनाया। पाटीदार आंदोलन चरम पर था। 2017 में कांग्रेस भाजपा का अंतर 22 सीट का था। अंतर कम होने के बाद भी 2022 के चुनावों में कांग्रेस के स्टार प्रचारक इस बार दूर है। राहुल गांधी अभी भारत जोड़ो यात्रा में होने से दक्षिण गुजरात की ओर नहीं आए है। ऐसे में बड़ी सभा, रैली और आयोजन नहीं हो पाया है। इधर, प्रभारी अशोक गहलोत भी राजस्थान में राजनीति में उलझन से बाहर आए तो गुजरात आए, लिहाजा उनका भी दौरा दक्षिण गुजरात का नहीं हो पाया है।

खडग़े अभी पोस्टर में नहीं
सूरत मुख्यालय के कांग्रेस के कार्यालय में कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खडग़े का फोटो पोस्टर पर नहीं लगा था और यही स्थिति नवसारी के कांग्रेस कार्यालय पर थी। मौजूद कांगे्रस कार्यालय के पदाधिकारियों का कहना था कि उन्होंने पोस्टर नहीं बदला है,पहले का लगा है। हालांकि दबी जुबान बोले कि यहां कांग्रेस में असर गांधी परिवार का ही रहेगा।

याद आते है अहमद पटेल
गुजरात के भरूच इलाके में अहमद पटेल कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता रहे है। पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर और समूचे गुजरात में प्रभाव रखते थे। दक्षिण गुजरात में उनकी पकड़ मजबूत थी। अब उनके नहीं रहने का असर भी नजर आता है। गुजरात को ऐसे लोकल नायकों की भी कांगे्रस में जरूरत है,लेकिन वो कमी हर कहीं नजर आती है। 1980 से कांग्रेस का कार्य देख रहे नवसारी में कांग्रेस के कार्यालय में ही बैठे एक पदाधिकारी ने कहा, अब पकड़ वाले राजनेताओं की कमी खलने लगी है।

भाजपा-आप ने संभाली कमान
भाजपा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आदिवासी इलाके में चुनावी सभा कर चुके है और बीते दिनों के सरकारी कार्यों में भी उन्होंने गुजरात की सार संभाल ली है। गृहमंत्री अमित शाह भी आए है। इसके अलावा गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पटेल, गृहमंत्री हर्ष संघवी कमान संभाले है। इधर, दक्षिण गुजरात में भाजपा ने अधिकांश टिकट रिपिट किए है, जो दो से पांच बार तक जीते हुए है,लिहाजा लोकल नायक भी है। आम आदमी के अरविंद केजरीवाल, अल्पेश कथीरिया, धर्मेश ने यहां रणनीति शुरू की है।


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