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सुविधा के नाम पर दुविधा बनती जा रही रेलवे की पार्किंग

जितना बालोतरा जाने का किराया नहीं उतना पार्किंग में मोटरसाइकिल खड़ी करने का चार्ज20 रुपए मोटर साइकिल के तो कार के वसूल रहे 40 से 50

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Railway parking is becoming a dilemma in name of convenience

Railway parking is becoming a dilemma in name of convenience

बाड़मेर. रेल में यात्रा करने के दौरान अधिकांश यात्री अपने दुपहिया व चार पहिया वाहन रेलवे की पार्किंग में खड़ा करते हैं। यहां पर वाहन खड़ा करने के दौरान जितनी राशि बाड़मेर से बालोतरा जाने में नहीं लगती उतनी राशि मोटरसाइकिल खड़ी करने पर वसूली जाती है।

इसके अलावा पार्किंग लिस्ट व पर्ची की दर में भारी अंतर है। इसके बाद भी जिम्मेदारों की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही। इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है । मनमर्जी की पर्ची

पार्किंग में वाहन खड़ा करने के दौरान वाहन मालिक की आेर से दी जाने वाली पर्ची पर साइकिल 5, 10, मोटर साइकिल 20, 30 तथा कार के 50, 100 रुपए लिखे हुए है।

ऐेसे में वाहन मालिक यह समझ नहीं पाता कि आखिर कौनसी दर तय है। एक बार वाहन खड़ा करने पर 20 रुपए वसूले जाते हैं, जबकि 4 घंटे तक वाहन को खड़ा करने पर 5 रुपए का शुल्क बनता है।

इधर रेट लिस्ट में दर अलग
पार्किंग में लगी वाहन किराया सूची में इस प्रकार से दर निर्धारित की गई है।

वाहन समय दर
साइकिल 24 घंटे तक 2 रुपए

मासिक 50 रुपए
मासिक रेलवे स्टाफ 30 रुपए स्कूटर व मोटर साइकिल

4 घंटे तक 5 रुपए
4 घंटे से 24 घंटे तक 10 रुपए

मासिक 150 रुपए
मासिक रेलवे स्टाफ 80 रुपए

कार, जीप, टैक्सी

4 घंटे तक 10 रुपए
4 घंटे से 12 घंटे तक 20 रुपए

12 से 24 घंटे तक 30 रुपए

24 घंटे से अधिक 50 रुपए

बालोतरा के बराबर किराया
साधारण गाड़ी में यात्रा करने के दौरान बालोतरा का किराया लगभग 20-25 रुपए है। दूसरी और पार्किंग में वाहन खड़ा करने पर ही 20 रुपए वसूले जाते हैं। पर्ची व रेट लिस्ट में भी अलग अलग दर है।

प्रतिदिन ठगे जा रहे हजारों उपभोक्ता

रेल में प्रतिदिन हजारों की तादाद में लोग सफर करते हैं। जिनमें से अधिकांश लोग शाम तक वापिस लौट आते हैं। ऐसे में अपना वाहन पार्किंग में छोड़ते हैं, लेकिन यहां पर्ची व रेट लिस्ट में भी दिन-रात का अंतर है।

ऐसे में हजारों यात्रियों के साथ तय दर से अधिक राशि वसूली जाती है। इसके बाद भी जिम्मेदारों की ओर से इसको नजर अंदाज किया जा रहा है। रेलवे की ओर से ठेका जारी करने के बाद पुन: इसकी सार संभाल नहीं ली जाती।

इधर, समस्या यह भी

दरअसल रेल में किसी यात्री को छोडऩे आने पर रेलवे गेट के आगे वाहन खड़ा करने पर जीआरपी की ओर से वाहन को जप्त कर लिया जाता है। जिसकों छुड़वाने के लिए वाहन मालिक को जोधुपर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में मजबूरन लोगों को पार्किंग में वाहन छोडऩा पड़ता है, लेकिन यहां पर खुले में उपभोक्ता ठगा जा रहा है।

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इतनी दर कहीं नहीं
मोटरसाइकिल से 20 रुपए लिए जा रहे हैं, जो कि अन्य किसी रेलवे स्टेशन पर नहीं है। पर्ची व रेट लिस्ट में भी फर्क है। लोगों को चूना लग रहा है।

रजनीकांत

कार्रवाई करनी चाहिए

रेलवे प्रशासन को पार्किंग ठेकेदार पर कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा समय समय पर इसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए।

हेमंत कुमार


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