6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाड़मेर में बहू नहीं बेटी बनी है विधायक: बेटी ने बागी होकर झोली फैलाई…कहा-भरो मायरा, मतदाताओं ने भर दिया

बाप बनकर नहीं खा सकते है लेकिन बेटा बनकर खा सकते हैं, यह कहावत है लेकिन जब बेटी बनकर मायरे की झोली फैला दे तो सहानुभूति किस कदर दिल को छूती है यह करिश्मा इस बार बाड़मेर सीट पर हुआ।

2 min read
Google source verification
priyanka_chaudhary.jpg

रतन दवे
बाप बनकर नहीं खा सकते है लेकिन बेटा बनकर खा सकते हैं, यह कहावत है लेकिन जब बेटी बनकर मायरे की झोली फैला दे तो सहानुभूति किस कदर दिल को छूती है यह करिश्मा इस बार बाड़मेर सीट पर हुआ। पार्टी ने टिकट नहीं दिया और सामने तीन बार जीते हुए विधायक। गंगाराम चौधरी की बागी हुई पोती प्रियंका चौधरी का वोटर्स ने जीत के रूप में मायरा भर दिया। 2013 का चुनाव लड़ा लेकिन हार गई। 2018 में उसे टिकट नहीं मिला फिर भी लगातार सक्रिय रही। 2023 में प्रबल दावेदारी के बावजूद उसे टिकट नहीं मिला। टिकट कटने पर प्रियंका के आंसू निकले और नामांकन के समय ही झोली फैलाते हुए बोली कि वह बाड़मेर की बेटी है। अब उसका मायरा भरें..। वह केवल झोली भरकर वोट मांग रही है। पूरे चुनाव कैम्पेन में यही सहानुभूति और शब्द दोहराती रही और विशेषकर महिला मतदाताओं के दिल तक पहुंच गए।

यह भी पढ़ें : पांच साल में ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा जब प्रदेश में बलात्कार न हुआ हो: राजेंद्र राठौड़

सहानुभूति का चला जादू
मेवाराम जैन कांग्रेस से लगातार तीन बार जीते हुए है। उनकी मजबूती के दावे कांग्रेस करती रही। लेकिन प्रियंका को टिकट नहीं मिलने के बाद माहौल सहानुभूति में ऐसा बदला कि उनकी जीत के चर्चे सीधे ही हार के आंकलन पर आ गए।

वोट का अंतिम आंकड़ा
प्रियंका चौधरी बागी - 106948
मेवाराम जैन कांग्रेस - 93611
दीपक कड़वासरा भाजपा - 5355

सभी समाजों ने दिया साथ
प्रियंका के लिए जाट समाज ने एकता दिखाई इधर अन्य समाज के लोग भी सहानुभूति से जुड़ते हुए आगे आए और उन्होंने अपने वोट देने का मानस ऐन समय पर बदलते हुए जीत प्रियंका के नाम लिख दी।

यह भी पढ़ें : ध्रुवीकरण को मैं उचित मानता हूं, यह देश हित में: गोपाल शर्मा

बागी हुईं पर खिलाफ नहीं
भाजपा से टिकट कटने के बावजूद भी प्रियंका भाजपा के खिलाफ नहीं हुई। उसने भाजपा के शीर्ष नेताओं से भी यह कहते हुए टिकट अंत तक मांगी कि उसने बहुत मेहनत की है। चुनाव कैम्पेन में भी भाजपा के खिलाफ नहीं हुई। इस कारण भाजपा से जुड़े कुछ लोग भी खुलकर साथ रहे।


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग