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पढ़ाई का ऐसा जुनून…हेलीकॉप्टर से परीक्षा देने पहुंचे राजस्थान के चार छात्र, जानें पूरा मामला

हिमालयी क्षेत्र में जारी मानसून की मार ने न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त किया है, बल्कि शिक्षा की राह में भी अवरोध खड़े कर दिए हैं।

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फोटो पत्रिका नेटवर्क

बाड़मेर। हिमालयी क्षेत्र में जारी मानसून की मार ने न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त किया है, बल्कि शिक्षा की राह में भी अवरोध खड़े कर दिए हैं। मुनस्यारी में बीएड की परीक्षा देने पहुंचने वाले राजस्थान के चार छात्र ओमाराम जाट, मगाराम जाट, प्रकाश गोदारा जाट और लकी चौधरी को भारी बारिश और भूस्खलन के कारण होने वाले मार्ग अवरोधन से परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में समस्या का सामना करना पड़ा।

हैलवान में 31 अगस्त को पहुंचने पर उन्होंने देखा कि यातायात मार्ग पूरी तरह बंद थे। टैक्सी वाले हर जगह मना कर रहे थे, क्योंकि हल्द्वानी-पिथौरगढ़ और तानकपुर-पिथौरगढ़ सड़कें अवरुद्ध थीं। इस सबसे निराश हो चुके छात्रों को ऐसी जानकारी मिली कि हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध हो सकती है।

उन्होंने एक निजी कंपनी के सीईओ से संपर्क किया और अपनी स्थिति बताकर अनुरोध किया। इस पर कंपनी ने विशेष व्यवस्था करते हुए हेलीकॉप्टर और दो पायलट भेजे, जिससे छात्रों ने सुरक्षित रूप से मुनस्यारी में आरएस टोलिया पीजी कॉलेज पहुंचकर परीक्षा दी और वापस हल्द्वानी लौटे। प्रत्येक छात्र ने इस यात्रा के लिए लगभग 5,200 प्रति छात्र एकतरफा भुगतान किया, यानी कुल 10,400 दोनों तरफ की यात्रा के लिए खर्च होना संभव है।

280 किलोमीटर का वह रोड ट्रिप, जो सामान्यतः लगभग 10 घंटे लेता, वह हेलीकॉप्टर में लगभग 25-30 मिनट में पूरा हो गया। विनम्र लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति ने इन विद्यार्थियों को ऐसी स्थिति में भी परीक्षा से वंचित नहीं होने दिया। यह घटना हिमालयी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की संवेदनशीलता और मानसून प्रभावित इलाकों में सड़क अवरोधों के खिलाफ लड़ते युवाओं की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।


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