बाड़मेर। लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर काउंटडाउन शुरू हो गया है। अब बस चार दिन के बाद 4 जून को चुनाव के नतीजे सामने होंगे और तस्वीर साफ़ होगी कि कौन जीता और कौन हारा। ये भी साफ़ हो जाएगा कि केंद्र में सरकार आखिर बनेगी किसकी?
इन सभी के बीच लोगों को उन हॉट सीटों पर रिज़ल्ट का बेसब्री से इंतज़ार हैं जो चुनावी दिनों में सबसे ज़्यादा चर्चा में रहे। ऐसी ही हॉट सीट की फहरिस्त में राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट का भी नाम शामिल है। यहां त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी, कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय प्रत्याशी रवीनद्र सिंह भाटी के बीच कश्मकश है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के इंतज़ार से ऐन पहले बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा के निर्दलीय प्रत्याशी व शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी बुधवार को अचानक से धरने पर बैठ गए। ये धरना बाड़मेर के केंद्रीय कारागृह के बाहर दिया गया। हालांकि धरने का कारण कोई चुनावी नहीं था। भाटी यहां एक बंदी की संदिग्ध मौत मामले में जारी धरने को समर्थन देने पहुंचे थे। जिस धरने को सपोर्ट करने भाटी पहुंचे थे वहां बंदी की जेल में संदिग्ध मौत का विरोध जताया जा रहा था।
बताया गया कि मृतक शख्स पिछले करीब 10 दिन से चिकन पॉक्स से पीड़ित था। परिजनों ने उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और जेल के बाहर ही धरना शुरू कर दिया। इस सूचना पर कोतवाली पुलिस व एसडीएम भी मौके पर पहुंचे।
दरअसल, बंदी की मौत पर परिजनों के आरोपों के चलते शव के पोस्टमार्टम को लेकर गतिरोध बना रहा। विवाद की इस सूचना पर शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी भी मौके पर पहुंच गए और वे भी धरने पर बैठ गए। प्रशासन से देर रात तक तीन स्तर की वार्ता विफल रही। इधर, इस मामले में न्यायिक जांच प्रारंभ की गई है।
शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि भीषण गर्मी में आमजन कूलर-एसी से दूर नहीं जा पाते, वहीं जेल में बीमारी से तड़प रहे इंसान को इलाज तक उपलब्ध नहीं करवाया गया। एक भाई के सामने दूसरे भाई की जान चली गई। इसके एक घंटा बाद चिकित्सक मौके पर पहुंचते हैं और लीपापोती कर चले जाते हैं। उन्होंने जेलर को निलंबित करने और नामजद हत्या का मामला दर्ज नहीं करने तक धरना जारी रखने की बात कही। साथ ही दोषियों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई नहीं होने पर महापड़ाव की चेतावनी दी।
जेल में बंदी जयसिंह पुत्र कमल सिंह बीते दस दिन से चिकन पॉक्स से ग्रसित था। बुधवार को जयसिंह की मौत हो गई। जेल में बंदी मृतक के भाई रतन सिंह ने बताया कि उसने जेल प्रशासन को इलाज के लिए कई बार कहा, लेकिन सामान्य दवा के अलावा कुछ नहीं दिया गया। इसके कारण उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। जेल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई को लेकर परिजनों ने पोस्टमार्टम से भी मना कर दिया। इसके चलते गतिरोध बना हुआ है। परिजनों का आरोप है वह करीब दस दिन से बीमार था। इसके बावजूद जेल प्रशासन ने उसका इलाज नहीं करवाया। घटना के बाद सुबह से ही जेल के बाहर परिजन तथा ग्रामीण एकत्रित हो गए। दोपहर तक बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने जेल के बाहर धरना दे दिया।
शिव विधायक केे साथ परिजनों ने तीन बार प्रशासन से वार्ता की। तीनों ही बार सहमति नहीं बनी।विधायक ने अधिकारियों को कहा कि इस मामले में जब तक कार्रवाई नहीं होगी धरना जारी रहेगा।
जेल में 160 बंदियों की क्षमता के विरूद्ध 250 बंदी है। इसको लेकर मंगलवार को न्यायिक अधिकारियों ने भी निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए थे। भीषण गर्मी में बंदियों की संख्या अधिक होने पर स्वास्थ्य को लेकर इनको अन्यत्र शिफ्ट करने का भी निर्देश दिया था।
- जेलर राजेश डऊकिया, चिकित्सक ओपी डूडी एवं स्टाफ को बार-बार कहने पर भी बीमारी पर ध्यान नहीं दिया। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- परिवार को आर्थिक मुआवजा दिया जाए
-जेल में अन्य बंदियों को सुविधा मुहैया करवाई जा
Published on:
30 May 2024 11:17 am