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जिम्मेदारों की बेपरवाही या अभिभावकों की बेरुखी, बालिकाओं को छात्रवृत्ति का नुकसान

- विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का बालिकाओं को नहीं फायदा

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जिम्मेदारों की बेपरवाही या अभिभावकों की बेरुखी, बालिकाओं को छात्रवृत्ति का नुकसान

जिम्मेदारों की बेपरवाही या अभिभावकों की बेरुखी, बालिकाओं को छात्रवृत्ति का नुकसान

बाड़मेर. जिले के सरकारी विद्यालयों में सैकड़ों संस्था प्रधानों की बेपरवाही मानी जाए या फिर अभिभावकों की बेरुखी, कारण चाहे जो भी इसका खामियाजा एेसी प्रतिभावान बालिकाओं को भुगतना पड़ रहा है जो स्कू टी पाने की योग्यता रखती है और छात्रवृत्ति का हक।

जरूरत है तो बस इतनी की संस्था प्रधान कागज खंगाले और एेसी बालिकाओं के परिजन को सूचना देेकर आवश्यक कागजात तैयार करवा दे लेकिन जिले में एेसा नहीं हो रहा। इसके चलते पिछले सात साल में कई बालिकाएं स्कू टी पर सवार नहीं हो पाई तो कइयों छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली।राज्य सरकार की महत्ती योजनाआें में बाड़मेर की छात्राओं को वंचित रहना पड़ रहा है।

आर्थिक पिछड़ा वर्ग की बालिकाओं के लिए बनी डॉ. अम्बेडकर उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत ग्यारहवीं-बारहवीं की उक्त वर्ग की बालिकाएं जिनके परिवार की मासिक आय एक लाख रुपए से कम है, उनको हर साल १६०० रुपए मिलते हैं। वहीं, कालीबाई भील मेधावी बालिका छात्रवृत्ति योजना में प्रत्येक जिले में ५१ बालिकाओं को स्कू टी दी जाती है। इसमें भी आर्थिक पिछड़ा वर्ग की बालिकाओं को दस स्कू टी मिलती है लेकिन जिले से एक भी आवेदन नहीं हुआ।

एेसे में हर साल कई बालिकाएं स्कू टी पाने से वंचित रह रही है तो कइयों को छात्रवृत्ति राशि नहीं मिल रही।

शालादर्पण पोर्टल से आवेदन डाउनलोड का प्रावधान, करे कौन- जानकारी के अनुसार छात्रवृत्ति योजना या अन्य लाभकारी योजना के तहत शालादर्पण पोर्टल से आवेदन डाउनलोड करना होता है।

यह जिम्मा संस्था प्रधानों का हैं कि वे आवेदन की प्रति निकाल निर्धारित अर्हरताधारक बालिकाओं को देंं, लेकिन संस्था प्रधान एेसा नहीं कर रहे। जिस पर बालिकाओं को जानकारी ही नहीं मिल पाती तो फिर आवेदन कैसे करें।

अभिभावक भी नहीं दे रहे ध्यान- योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए अभिभावक भी जागरूक नहीं है। जरूरी दस्तावेज बनाने का जिम्मा निभा कर वे समय पर आवेदन जमा करवा लेते हैं तो बालिकाओं को फायदा मिल सकता है।

प्रोत्साहन के साथ मान-सम्मान- उक्त योजनाओं का लाभ उठाने वाली बालिकाओं का न केवल आगे पढऩे का प्रोत्साहन मिलता है वरन समाज में भी मान -सम्मान होता है। बालिकाओं के प्रतिशत की जानकारी पुरस्कार मिलने पर पूरे समाज व जिले में होती है।

संस्था प्रधानों को निर्देश देकर करेंगे पाबंद- हमने पूर्व में भी निर्देश जारी किए थे। अब इसको और गंभीरता से लेते हुए हरेक संस्था प्रधान को पाबंद करेंगे कि दोनों योजनाओं के हर विद्यालय से आवेदन मिले जिससे कि बालिकाओं को पुरस्कार मिले और उनका मान बढे़।- जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक बाड़मेर


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