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शहर की सड़कों पर दौड़ती ‘मौत’

- सुबह 9 से रात 9 बजे तक भारी वाहनों का शहरी क्षेत्र से निकलने पर प्रतिबंध, भारी वाहन बेखौफ निकलते हैं मुख्य मार्ग से,पानी के टैंकर तो ऐसे चलते हैं, जैसे ऑटो हो

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शहरी क्षेत्र में भारी वाहनों के नो एंट्री के निर्धारित समय में भी बड़ी संख्या में ट्रकों व टैंकरों की आवाजाही सामान्य बात है। इसके कारण वाहनों की अधिकता नहीं होने के बावजूद जाम की स्थिति पैदा हो रही है। लोगों को आवागमन में असुविधा होती है। शहर की मुख्य सड़क से निकलते भारी वाहन कई जान ले चुके हैं। पुलिस की अनदेखी व चालकों की मनमानी के चलते शहर का नो एंट्री प्लान धरा रह गया है। दिन के समय शहर की सड़कों पर भारी वाहन सरपट दौड़ते हैं। पानी के टैंकर तो ऐसे चलते हैं, जैसे शहर में कोई ऑटो चल रहे हो। किसी गली या मोड़ पर पानी के टैंकर से सामना हो ही जाता है। भीड़-भाड़ वाले इलाकों व स्कूल की छुट्टी के समय गलियों में टैंकर दौड़ते रहते हैं।

जिससे करण जाम लगना आम है। लेकिन जिम्मेदार न ऐसे वाहनों को चालान काट रहे हैं, न ही शहरी क्षेत्र में प्रवेश पर रोक की प्रभावी कार्रवाई कर रहे हैं। इसी का परिणाम यह हुआ कि कलक्ट्रेट रोड पर शुक्रवार को एक महिला को ट्रक ने कुचल दिया। अगर भारी वाहनों के प्रवेश पर अंकुश होता तो शायद हादसा नहीं होता।

यहां सबसे खराब स्थिति

शहर में कलक्ट्रेट, महाबार फाटक, अस्पताल, बाल मंदिर रोड, हाई स्कूल, रेलवे स्टेशन, माल गोदाम रोड पर दिन में भारी वाहनों की आवाजही होती रहती है। यहां पर दिन में कई बार जाम लग जाते हैं। इसी बीच स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी के समय विद्यार्थियों का यहां से निकलना मुश्किल भरा होता है।

पुलिस मूकदर्शक, आसानी से प्रवेश

भारी वाहन पुलिस को अनदेखा कर अम्बेडकर चौराहे, सर्किट हाउस, सिणधरी चौराहे के रास्ते होते हुए शहर में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे कई बार हादसे हो चुके तथा लोगों की जानें भी चुकी है। नो एंट्री में भारी वाहनों को रोकने के लिए यातायात पुलिस की जिम्मेदारी बनती है। वहीं भारी वाहन रोकने के लिए शहर में सादा वस्त्रधारी पुलिसकर्मी भी नियुक्त हैं। लेकिन पुलिस की अनदेखी के चलते वाहन धड़ल्ले से शहर में प्रवेश कर रहे हैं।

निजी बसों का जमावड़ा

शहर में नो एंट्री की हद पार कर प्राइवेट बसें नियमों को अनदेखा कर चलती रहती है। कई बार हादसे होने के बावजूद बसों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। रेलवे स्टेशन के सामने अक्सर निजी बसों का जमावड़ा रहता है। वहीं भारी सैन्य वाहन भी स्टेशन तक आ जाते हैं। वहीं दिन भर शहर में जाम जैसी स्थिति को देख लोग पुलिस प्रशासन को कोसते हैं।

नो एंट्री में नहीं आने देंगे

नो एंट्री में भारी वाहनों का प्रवेश नहीं होने दिया जाएगा। बसें व ट्रक सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक शहर में नहीं घुस सकेंगे। नियमों की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

-आनंदकुमार, यातायात प्रभारी बाड़मेर शहर

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