
बीज प्रतिस्थापन दर नहीं सतोषजनक, बढ़ाने की जरूरत
.बाड़मेर. आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर भारत अमृत महोत्सव हर राह पर बढ़ते कदम के अंतर्गत किसानों की आय बढ़ाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी एवं कृषि अनुसंधान उपकेन्द्र समदड़ी के संयुक्त तत्वावधान में कृषि विज्ञान केन्द्र गुड़ामालानी पर आयोजित किया गया। केन्द्र प्रभारी डॉ. प्रदीप पगारिया ने कहा कि बाड़मेर जिले की मुख्य खरीफ फसलें बाजरा, मूंग, मोठ ग्वार है जिसमें मुख्यत: बीज प्रतिस्थापन दर संतोषजनक नहीं है। खासकर दलहन फसलों की बीज प्रतिस्थापन दर बहुत कम है।
वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता है बीज प्रतिस्थापन दर को बढ़ाना। उन्नत किस्मों के द्वारा बाडमेर जिले के किसानों को उन्नत किस्मों के बीजों के बारे में जागरूकता भी बहुत कम है जिसकी वजह से वांछनीय उत्पादन भी नहीं मिल पाता है। अभी तक किसान दलहन में पुराना बीज ही काम में लेते आ रहे हैं जिसकी वजह से प्रति हैक्टेयर उत्पादन बहुत कम मात्रा में होता है। आज की परिस्थिति में जहां बारिश की कमी के कारण खेती की अनिश्चितता हो रही है।
अत: किसान प्रमाणित उन्नत किस्म के बीज का उपयोग करें ताकि उत्पादन अधिक हो सके। डॉ. रामदेव सुतलिया प्रभारी कृषि अनुसंधान उपकेन्द्र समदड़ी ने बताया कि हमें उर्वरको का सही मात्रा व तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है जिससे लागत के साथ साथ उत्पादन बढे एवं जमीन को बंजर होने से बचाया जा सके।
साथ ही उन्होंने उर्वरको के अंधाधुध प्रयोग को रोकने की सलाह देते हुए 2022 तक किसानो की आय दुगुनी करने में उर्वरको के सही प्रयोग अहम रोल अदा करेंगे।
Published on:
12 Aug 2021 12:30 am
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