
क्षतिग्रस्त जसोल-तिलवाड़ा मार्ग।
बालोतरा.
जसोल से तिलवाड़ा तक नाममात्र दूरी की सड़क का निर्माण कर जिला मुख्यालय जाने व क्षेत्र के तीर्थों में दर्शन के लिए आने वाले हजारों ग्रामीणों, श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है। इससे बालोतरा में यातायात दबाब भी कम किया जा सकता है, लेकिन दो वर्ष से ज्यादा समय से खस्ताहाल मार्ग की मरम्मत तक नहीं करवाई जा रही है। इससे हर दिन ग्रामीणों व श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार की अनदेखी से ग्रामीणों में रोष है।
जसोल-तिलवाड़ा सड़क बालोतरा क्षेत्र के महत्वपूर्ण मार्गों से एक है। क्षेत्र के लोग जिला मुख्यालय आने-जाने में इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। साथ ही श्रद्धालु माता राणी भटियाणी मंदिर , नाकोड़ा तीर्थ, ब्रह्मधाम मंदिर में दर्शन-पूजन करने के लिए इस मार्ग का उपयोग करते हैं। यह मार्ग जसोल-तिलवाड़ा होते हुए तिलवाड़ा से राष्ट्रीय राजमार्ग 112 से जुड़ता है। बालोतरा से होकर जिला मुख्यालय जाने व ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा, माता राणी भटियाणी मंदिर जसोल, जैन तीर्थ नाकोड़ा पहुंचने में ग्रामीणों व श्रद्धालुओं को हर रोज परेशानी उठानी पड़ती है। दिन की शुरुआत से देर रात तक सड़कों पर वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में बालोतरा से होकर गुजरने पर मार्गों पर लगते जाम से वाहन चालकों को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है।
2 वर्ष से यही हाल
तिलवाड़ा फांटा-तिलवाड़ा गांव मार्ग पिछले दो वर्ष से अधिक समय से क्षतिग्रस्त है। मार्ग में जगह-जगह गड्ढे, बिखरी कंकरीट व टूटी पटरियों के कारण वाहन चालकों को पग-पग पर परेशानी उठानी पड़ती है। कई जगह से सड़क का नामोनिशान ही मिट गया है। इस वजह से रात्रि में यहां दुघर्टनाएं भी होती है।
मिल सकती है अच्छी सुविधा
12 किमी दूरी के इस मार्ग का नवनिर्माण कर ग्रामीणों व श्रद्धालुओं को आवागमन में अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है। इससे बालोतरा का यातायात दबाब कम होने के साथ ही जाम की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा इससे जुड़े कारखानों के उद्यमियों, श्रमिकों, शोभावास, मण्डावास, तेमावास, बामिणी, तिलवाड़ा के ग्रामीणों को भी अच्छी सुविधा मिल सकती है। लेकिन इसके लिए संबंधित विभाग पहल नहीं कर रहा।
नहीं हो रहा समाधान
क्षतिग्रस्त मार्ग से परेशान ग्रामीण कई बार जनप्रतिनिधियों, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को समस्या से अवगत करवा चुके हैं। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों व श्रद्धालुओं में रोष है।
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पैदल चलने लायक नहीं
तिलवाड़ा फांटा से तिलवाड़ा गांव तक मार्ग का नामोनिशान ही मिट गया है। डामर कम व रेत अधिक पसरी दिखाई देती है। मार्ग पैदल चलने लायक भी नहीं बचा। सरकार जनहित में नवनिर्माण करवाए।
- नैनाराम चौधरी, ग्रामीण
रोज की परेशानी
तिलवाड़ा मार्ग दो वर्ष से अधिक समय से क्षतिग्रस्त है। गुणवत्ता के साथ मरम्मत कार्य नहीं करने से पेचवर्क भी उखड़ गया है। हर दिन आवागमन में परेशानी उठाते हंै। कहीं कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
- विक्रमसिंह जसोल
नहीं दे रहे ध्यान
यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। इसका नवनिर्माण करवाकर हजारों ग्रामीणों, श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
- उमसिंह दहिया, तिलवाड़ा
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Published on:
25 Apr 2018 06:55 pm
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