
नित्य कार्यों से समय निकाल करें प्रभु का ध्यान
समदड़ी पत्रिका.
कस्बे के स्वर्णकार समाज आराध्य सन्त अणदाराम महाराज मन्दिर परिसर में पंचवटी आश्रम स्वामी कृष्णानन्दपुरी महाराज के चार्तुमास पूर्ण होने पर शुक्रवार को गाजे बाजे से उन्हें विदाई दी गई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
पंचवटी आश्रम सन्त स्वामी कृष्णानंदपुरी महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन ही एक ऐसा जीवन है, जिसमें भगवान की भक्ति की जा सकती है। मनुष्य को अपने नित्य कार्यों में से थोड़ा समय निकाल प्रभु का ध्यान करें। मनुष्य को अपने स्वार्थ के लिए किसी जीव को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए। प्राणी मात्र की सेवा करना अपना कर्तव्य समझना चाहिए। इससे पहले कृष्णानंदपुरी ने कहा कि जीवन अनमोल है। इसका सदुपयोग करें और मानव कल्याण की ओर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि चातुर्मास में उपवास, व्रत के साथ धार्मिक आयोजनों से युवा पीढ़ी में धर्म के प्रति श्रद्धा का बढ़ती है। जब हमारी भावी पीढ़ी को सनातन धर्म, संस्कृति का ज्ञान नहीं होगा, तब हम अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचा कर नहीं रख पाएंगे। संत ने कहा कि आजकल टीव संस्कृति के चलते युवा पीढ़ी और बच्चों का ध्यान धर्म के प्रति कम हो रहा है। एेसे में अभिभावकों का दायित्व है कि वे अपने बच्चों को कुछ समय निकाल धर्म कथाएं, कहानियां आदि सुनाएं,जिससे उनमें संस्कारों का विकास हो सके। कृष्णानंदपुरी ने कहा कि वर्तमान युग की महत्ती आवश्यकता शिक्षा के साथ संस्कार है, जो अभिभावक अपने बच्चों को दे सकते हैंं। अणदाराम महाराज मन्दिर कमेटी अध्यक्ष संतोष हेड़ाऊ ने चार्तुमास करने पर स्वामी कृष्णानंदपुरी महाराज का आभार प्रकट किया। स्वर्णकार मौहल्ला, बावड़ी चौक होता हुए जुलूस आश्रम पहुंचा। जगह जगह श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। इस मौके पर अखिल भारतीय ब्राह्मण स्वर्णकार महासभा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम कोटडिय़ा, समदड़ी समाज सरंक्षक रामनिवास हेड़ाऊ, अम्बाशंकर कट्टा, महामंत्री रामधन बाड़मेरा, कोषाध्यक्ष सोहनलाल महेचा, संगठन मंत्री विजयराज हेड़ाऊ, डॉ. गोपीकिशन व्यास खीमराज व्यास,सुरेश व्यास, विशनसिंह, ईश्वरदान, स्टेशन उपसरपंच आईदान जीनगर, पनेसिंह कंाकराला, भंवरदास वैष्णव, अशोक वैष्णव मौजूद थे। निसं.
Published on:
23 Sept 2018 07:28 pm
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