5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रीढ़ की हड़्डी टूटने की पीड़ा, परिवार को रोटी के लिए तरसते देखने का दर्द

मानाराम सह रहा दोहरा दंश

2 min read
Google source verification
br0208c14.jpg

बाड़मेर. चारपाई पर लेटा मानाराम व पास में खड़े बीबी-बच्चे।

दिलीप दवे

बाड़मेर . परिवार के लिए दो वक्त की रोटी को लेकर मेहनत मजदूरी कर रहे रावतसर निवासी मानाराम को छह माह से दोहरा दर्द सहना पड़ रहा है। एक तरफ शारीरिक दर्द रीड की हड़ड़ी टूटने के कारण खाट पर रहने का तो दूसरी ओर मानसिक दर्द बीवी और बच्चों को रोटी के लिए तरसते देखने का।

दरअसल मानाराम पुत्र जेठाराम मेघवाल छह माह पहले भला चंगा था और बाड़मेर में मेहनत कर परिवार का पेट पाल रहा था। वह अकेला कमाऊ पूत है जिसके तीन बच्चे व बीवी है। बाड़मेर में सीमेंट की फैक्ट्री में काम करते वक्त एक दिन उसकी पीठ पर सीमेंट के कट्टे गिर गए जिससे। रीढ़ की हड्डी टूट गई। उसके बाद परिवार वाले बाड़मेर, जोधपुर इलाज के लिए घूमे, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसका इलाज नहीं हो पाया जिसके चलते वह अपने घर पर पिछले छह महीने से चारपाई पर है।

यह भी पढ़े़: रंग-बिरंगी यूनिफॉर्म पहन मनाएंगे आजादी का उत्सव, वजह है यह |

ऐसे में अब परिवार पालना मुश्किल हो गया है। उसको हर रोज अब दोहरा दर्द सहने को मजबूर होना पड़ रहा है पहला दर्द बीमारी के चलते काम काज छूटने व चारपाई पकड़ने का तो दूसरी पीड़ा इस चिता की कि अब उसके बीवी व बच्चों का क्या होगा, वे दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कैसे कर पाएंगे।

यह भी पढ़े़: आठवीं में करनी होगी छठी-सातवीं की पढ़ाई, यह है कारण |

पढ़ाई छूटने की चिंता-मानाराम के तीन छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाते थे। घ्रर में मानाराम के अलावा कमाने वाला कोई नहीं होने से इनकी आगे की पढ़ाई का खर्चा कौन देगा। इनके खाने- कपड़े वगैराह का प्रबंध कैसे होगा, यह बड़ी चिंता है। ऐसे में मानाराम व उसके परिवार को प्रशासन, स्वयंसेवी संस्थाओं व भामाशाहों से सहयोग की दरकार है। अब तक नरेंद्र जाखड़, रावत सोनी, प्रदीप गोदारा व नवीन गोदारा आदि ने मदद की है।

मानाराम की आर्थिक हालत खराब है। ये पहले ही गरीब था अब रीड की हड्डी टूटने से परिवार पालना मुश्किल हो गया है। बच्चे छोटे से जिनका स्कूल भी छूट रहा है। ऐसे में इस परिवार को प्रशासन व भामाशाहों से आर्थिक मदद की दरकार है। -करण गोदारा, समाजसेवी रावतसर


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग