
बड़ी मुश्किल से हुआ स्थानांतरण, अब आचार संहिता का अड़ंगा?
बाड़मेर. सीमावर्ती जिले बाड़मेर से अपने गृह या इच्छित जिले में स्थानांतरण होने के बाद भी पिछले दो माह से शिक्षक रिलीव होने का इंतजार कर रहे हैं। पहले ट्रांसफर करवाने के लिए लम्बी जद्दोजहद करनी पड़ी जिसके बाद नम्बर आया तो चुनाव का अड़ंगा आ गया। प्रदेश के छह जिलों में पंचायतराज चुनाव होने पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी अब आचार संहिता हटी को संस्था प्रधान आयोग के आदेश का हवाला देकर रिलीव नहीं कर रहे। इस पर वरिष्ठ शिक्षक परेशानी झेल रहे हैं। लम्बे समय के बाद प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापकों के स्थानांतरण तो हुए लेकिन जोधपुर, जयपुर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, सिरोही आदि जिलों में पंचायतराज चुनाव होने के कारण आचार संहिता लगी हुई थी।
ऐसे में इन 6 जिलों में स्थानांतरण आदेश हो चुके वरिष्ठ अध्यापकों को इच्छित स्थान पर पदस्थापन होने की आस पूरी नहीं हो पाई। वरिष्ठ अध्यापकों के स्थानांतरण हुए उस समय आचार संहिता लगी होने के कारण कार्यमुक्ति व कार्यग्रहण पर रोक लगी हुई थी। इसलिए स्थानांतरण आदेशों में भी आचार संहिता वाले 6 जिलों में आचार संहिता के बाद कार्यग्रहण व कार्यमुक्ति का हवाला दिया हुआ था, लेकिन उसके बाद निर्वाचन आयोग द्वारा आचार संहिता वाले 6 जिलों के स्थानांतरण आदेशों पर रोक लगाने का आदेश दिया गया। अब जबकि आचार संहिता से रोक हट गई तो चुनाव आयोग के आदेश का हवाला देते हुए कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है।
करीब पांच सौ शिक्षकों को इंतजार- गौरतलब है कि वरिष्ठ अध्यापकों के प्रदेश में २२४५ तबादले हुए थे। इसमें से बाड़मेर जिले से करीब एक हजार शिक्षक विभिन्न जिलों में लगाए गए।
चुनाव वाले छह जिलों को छोड़ शेष जिलों में तो वरिष्ठ अध्यापकों को कार्यमुक्त कर भेज दिया लेकिन आचार संहिता के चलते छह जिलों में तबादले वाले शिक्षकों के रिलीव नहीं किया गया।
अब आचार संहिता हटी तो भी आयोग के आदेश की पालना का हवाला देकर कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है।
आदेश जारी कर दिए- आचार संहिता हटने के बाद आदेश जारी कर दिए गए हैं। सभी डीईओ, संस्था प्रधानों को आदेशों की पालना के निर्देश दिए जाते हैं। - सौरभ स्वामी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर
Published on:
09 Sept 2021 12:58 am
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