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पुलिस चौकी से 1058 किलो डोडा ले गए चोर, पुलिस चुप रही, वायरल ने मचाया हड़कंप

पुलिस थाना परिसर स्थित पुलिस चौकी के एक कमरे से दो प्रकरणों में जब्त 10 क्विंटल से अधिक डोडा पोस्त चोरी होने का मामला सामने आया है। जून 2019 से अप्रेल 2021 तक पुलिस पुलिसकर्मियों ने इसका भौतिक सत्यापन ही नहीं किया।

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Thief Took 1058 kg doda post from Barmer police station

पचपदरा (बाड़मेर )। पुलिस थाना परिसर स्थित पुलिस चौकी के एक कमरे से दो प्रकरणों में जब्त 10 क्विंटल से अधिक डोडा पोस्त चोरी होने का मामला सामने आया है। जून 2019 से अप्रेल 2021 तक पुलिस पुलिसकर्मियों ने इसका भौतिक सत्यापन ही नहीं किया। जब मामला खुला तो पुलिस ने पांच माह विभागीय जांच के बाद करीब एक माह पूर्व इसका मामला दर्ज किया। बुधवार को यह मामला तब प्रकाश में आया जब सोशल मीडिया पर किसी ने इसकी कॉपी को वायरल कर दिया। पुलिस अब भी विभागीय जांच और चोरों की तलाश में है। डोडा पोस्त की कीमत करीब 30 लाख रुपए आंकी जा रही है।

जून 2019 में किया बरामद
वर्ष 2019 में पचपदरा थाना पुलिस ने जून व अगस्त माह में अवैध डोडा पोस्त तस्करी के खिलाफ दो बड़ी कार्रवाई कर 1058 किलोग्राम अवैध डोडा पोस्त बरामद किया। डोडा पोस्त के कट्टों पर मार्का अंकित कर थाना परिसर स्थित पुलिस चौकी के एक कमरे में रखकर मालखाना के रिकॉर्ड में दर्ज लिया।

अप्रेल में मचा हड़कंप
अप्रेल माह में यहां मालखाना प्रभारी हैड कांस्टेबल पदमपुरी को नियुक्त किया तो नियमानुसार उन्होंने भौतिक सत्यापन किया तो 1058 किलोग्राम डोडापोस्त गायब था। हैडकांस्टेबल ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी तो हड़कंप मच गया। तत्काल इसको लेकर पुलिस अधीक्षक से लेकर आइजी स्तर तक जानकारी पहुंचाई गई।

पांच माह से चल रही है जांच
अप्रेल में ही मामले की जांच पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीतेश आर्य को दी। इसमें एएसपी ने पचपदरा थाना व चौकी के कुछ कार्मिकों की लापरवाही मानते हुए उन्हें दोषी माना है। इसके बाद लिए उन्होंने पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सौंप दी।

एक माह पूर्व मामला दर्ज
एक माह पूर्व पचपदरा थानाधिकारी ने चोरी का प्रकरण दर्ज किया । बालोतरा वृत्ताधिकारी को जांच सौंपी है।

सुलगते सवाल
-पुलिस चौकी में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में चोर कैसे ले गए डोडा पोस्त
-चार-चार प्रभारी बदले तो उन्होंने क्यों नहीं देखा मालखाना
-पांच माह पूर्व पुलिस को पता चलने के बाद भी मामला विभागीय जांच में रहा
-एक माह पूर्व एफआइआर दर्ज पर अभी भी चोर अज्ञात
-पुलिस के जिन कार्मिकों को दोषी माना जा रहा है उनके खिलाख कार्यावाही क्यों नहीं?

गंभीरता से लिया है
यह मामला प्रकाश में आते ही उच्चाधिकारियों को बताया गया। विभागीय जांच की गई है। 2019 से 2021 के बीच में कब चोरी हुआ है, यह पता नहीं चल रहा है। मामले को गंभीरता से लिया गया है।
- आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक


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