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बाड़मेर ट्रैफिक पुलिस की बंदरबाट….3 साल में 35 लाख की चालान राशि डकार गई यातायात पुलिस, पूरी खबर पढ़कर आप भी हो जाओगे हैरान

पत्रिका-एक्सक्लूसिव - यातायात पुलिस चौकी बाड़मेर का मामला - वर्ष- 2016, 17 व 18 में वसूले करीब 35 लाख रुपए का गबन - तीन माह पहले हुआ था मामला उजागर

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Traffic police embezzled around Rs 35 lakh

Traffic police embezzled around Rs 35 lakh

भवानीसिंह राठौड़

बाड़मेर. पुलिस चोरियां पकड़ती है लेकिन वही सरकारी राशि में चोरी करने लगे तो फिर क्या होगा? बाड़मेर यातायात पुलिस में 35 लाख की चालान राशि के गबन का मामला पकड़ा गया है।

अंधेरगर्दी का आलम देखिए कि तीन साल तक यह राशि पुलिस ने राजकोष में जमा नहीं करवाई और तीन माह पूर्व प्रकरण सामने आने के बाद पुलिस ने अब तक कानों-कान खबर नहीं होने दी है और अंदरखाने इसकी जांच प्रारंभ कर दी है।

स्पष्ट बोलने से सारे अधिकारी कतरा रहे हैं। मामले का खुलासा होने पर यातायात पुलिस से जुड़े कई कार्मिकों के नपने की स्थिति है।

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थापित यातायात पुलिस चौकी में कार्यरत अधिकारियों व कार्मिकों की मिलीभगत के चलते चालान के जरिए वसूले गए करीब 35 लाख रुपए के गबन का मामला तीन माह पहले ऑडिट में सामने आया। इस पर उच्च अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं।

यों करते रहे गड़बड़ी

यातायात पुलिस ने यातायात नियम तोडऩे वालों के खिलाफ चालान बनाकर वर्ष-2016, 2017 व 18 में करीब 35 लाख रुपए वसूल किए। यह राशि नियमानुसार प्रति सप्ताह राजकोष में जमा होनी थी। लेकिन वहां जमा नहीं करवाई गई। करीब 35 लाख रुपए की वसूली निकल रही है।उच्च अधिकारी रहे अनजान

यातायात पुलिस की ओर से वसूली गई जुर्माना राशि पर निगरानी के लिए लेखा विभाग व उच्च अधिकारियों की मॉनिटरिंग रहती है।

इसके बावजूद किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और कार्मिक मलाई खाते रहे। अब मामला प्रकाश में आने के बाद एक-दूसरे पर डाल रहे हैं।

पुलिस से जुड़ा है मामला, इसलिए हैं सब चुप

मामले में पुलिस अधिकारियों ने सरकारी राशि राजकोष में जमा नहीं करवा बंदरबांट कर ली। यानि यह पूरा मामला गबन व सरकारी राशि के दुरुपयोग से जुड़ा है। अब प्रकरण सामने आने के बाद भी महज जांच के आदेश हुए हैं। जबकि नियमानुसार पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज होना था।

ये बोले जिम्मेदारकुछ नहीं कह सकताप्रकरण की जांच मेरे पास है लेकिन अभी तक जांच हुई नहीं है। इसलिए कुछ कह नहीं सकता।

मानाराम गर्ग, पुलिस उप अधीक्षक

मेरे आने से पहले का मामला

यह मामला मेरे आने से पहले का है। जांच हुई है। मैं कुछ भी नहीं बता सकता हूं।
-पुखाराम, यातायात प्रभारी बाड़मेर

- चल रही है जांच
यातायात पुलिस से जुड़े प्रकरण की जांच कर रहे हैं। जांच के बाद ही मामला स्पष्ट होगा।

- राशि डोगरा डूडी, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर


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