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दिन में सफर, दोपहर में रैकी और रात को चोरी कर रफूचक्कर

औद्योगिक नगरी में चोरी की दस वारदातों का पर्दाफाश

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-बालोतरा.पुलिस की गिरफ्त में चोरी का शातिर आरोपित।

-बालोतरा.पुलिस की गिरफ्त में चोरी का शातिर आरोपित।


बालोतरा. स्वर्णनगरी से वह आया तो था मजदूरी करने, लेकिन यहां के आलीशान बंगलों को देख उसने चोरी करने का निर्णय किया। इसके बाद उसने शहर में एक-एक कर दस चोरियों को अंजाम दिया। शातिर इतना की सुबह जैसलमेर से बालोतरा पहुंचता और काम को अंजाम दे वापस चला जाता। पुलिस यहां के नकबजनों पर निगाह रखे हुए थी और वह घटनाओं को अंजाम दे रहा था। इस दौरान पुलिस ने सूने मकानों पर निगरानी रखनी शुरू की तो रैकी करते पकड़ा। पूछताछ की तो पता चला कि वह तो दस जगह चोरी कर चुका है। इतना ही नहीं उसके खिलाफ भीलवाड़ा व जैसलमेर में भी चोरी के मामले दर्ज है।

शहर पुलिस ने पिछले दो सालों में सूने मकानों में चोरी की 10 वारदातों को अंजाम देने वाले शातिर चोर को गिरफ्तार किया है । उसके खिलाफ जैसलमेर व भीलवाड़ा में ढ़ाई दर्जन से अधिक चोरी के मामले दर्ज हैं। पुलिस फिलहाल चोर से चोरी का सामान बरामद करने को लेकर पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक पूछताछ में चोर ने कई अहम खुलासे किए हैं।
थानाधिकारी भंवरलाल सीरवी ने बताया कि शिव कॉलोनी में एक सूने मकान की सुनिल पुत्र ओमप्रकाश राव निवासी बिजोलिया (भीलवाड़ा) हाल रामनगर जैसलमेर को संदिग्धावस्था में रैकी करते देखा । सुनिल को पकड़ पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की तो संतोषप्रद जवाब नहीं दे सका तथा हड़बड़ा गया। उसे थाने लाकर कड़ाई से पूछताछ की तो शहर में विभिन्न स्थानों पर 10 सूने मकानों में चोरी की वारदातों को अंजाम देने की बात स्वीकार की। इस पर आरोपित को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है।

बस से आता, चोरी कर रवाना - पुलिस पूछताछ में आरोपित सुनिल ने बताया कि वह भीलवाड़ा या जैसलमेर से दोपहर करीब दो-ढ़ाई बजे बस से बालोतरा पहुंचता था। इसके बाद दोपहर के समय सूने मकान की रैकी करता और फिर शाम को खाना खाने के बाद एक बार फिर से मकान की रैकी करता था। इसके बाद लौहार से ताले तोडऩे के लिए लगिया बनाता और वारदात को अंजाम देकर लगिया वही छोड़ बस से वापस लौट जाता था।

नजर नाली व अखबार पर- आरोपित रैकी के दौरान घर में अखबार व बाहर नाली को देखता था। नाली सूखी होने व बाहर पड़े अखबार देखता था। जितने दिन के अखबार बाहर पड़े होते थे। उनसे अनुमान लगाता था कि घर के लोग कितने दिन से बाहर है। इसके बाद वारदात के लिए घर का चयन करता था।
ढ़ाई दर्जन से अधिक मामले दर्ज- सुनिल के विरुद्ध पूर्व में जैसलमेर व भीलवाड़ा के विभिन्न स्थानों में 29 मामले दर्ज हैं। इसमें से 18 भीलवाड़ा व 11 मामले जैसलमेर के विभिन्न थानों में दर्ज है। सुनिल भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। पूर्व में कई बार गिरफ्तार भी हो चुका है। जब भीलवाड़ा में पुलिस ने आरोपित पर कड़ी नजर रखनी शुरू की तो वहां से जैसलमेर आकर रहने लगा तथा वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया।

मजदूरी के बहाने आया था बालोतरा- करीब दो साल सुनिल बालोतरा के कारखानों में मजदूरी के बहाने आया था। इस दरम्यान इसने बालोतरा में आलीशान मकान देख वारदातों को अंजाम देने के लिए रैकी की। चार-पांच दिन रुकने के बाद वापस लौट गया। इसके बाद फिर से वापस आकर वारदातों को अंजाम दिए।
योजना ला रही रंग- गौरतलब है कि पुलिस ने सूना मकान सुरक्षा योजना लागू कर रखी है। इसको लेकर बालोतरा पुलिस ने शहर में एेसे सूने मकानों पर नजर रखनी शुरू की जो लम्बे समय से बंद है। यहां सादा वर्दी में पुलिस की तैनातगी भी की गई है। वहीं लोगों को पम्पलेट, इश्तिहार आदि के माध्यम से जागरूक कर सूने मकानों की जानकारी पुलिस को देने की अपील भी की। इसी योजना के तहत पुलिस सूने मकानों पर नजर रखे हुए थी, तभी सुनिल को संदिग्धावस्था में घूमते पाया। पूछताछा में वहीं संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया तो थाने लाकर कड़ाई से पूछताछ की। इस पर उसने चोरी करने की बात कबूली।

ये रहे टीम में शामिल- मकानों में चोरी की वारदातों के खुलासे को लेकर एसपी ने थानाधिकारी भंवरलाल सीरवी के नेतृत्व में उपनिरीक्षक भंवरसिंह, सहायक उपनिरीक्षक अचलाराम, कांस्टेबल सुरेन्द्र कुमार, चेतनराम, उदयसिंह व मोहनलाल की विशेष टीम गठित की। टीम ने सूने मकान के बाहर निगरानी रख आरोपित को धर दबोच लिया।