
आधी आबादी के अधूरे सपने .....अब हों पूरे
बाड़मेर पत्रिका.
बल्र्ब-
बाड़मेर की 2011 की जनसंख्या 26 लाख 3751 थी और इसमें महिलाएं 12 लाख 34 हजार 729...। आबादी का आंकड़ा दस साल बाद अब 32.52 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान से 32 लाख से पार जा रहा है और महिलाओं की संख्या इस अनुपात से अब आधी आबादी के करीब आ जाएगी। जिले का लिंगानुपात भी 1000 बेटियों पर 984 पर आ गया है ,लेकिन बाड़मेर में आधी आबादी के सपने अधूरे है। शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार में महिलाएं पिछड़ी है। सरकारें आधी आबादी को अधिकार देने के तमाम दावे करती रही है लेकिन वास्तव में वे आज भी पिछड़ी है।2030 का बाड़मेर आर्थिक तरक्की और उन्नति के दरवाजे- खिड़कियां खोल रहा है लेकिन महिलाओं के लिए अवसरों के दरवाजों पर आज भी कुण्डी लगी है। पत्रिका की विजन 2030 की विशेष रिपोर्ट-
सकारात्मक स्थितियां
1 बधाई हों....जन्म ले रही है बेटियां
बाड़मेर में 2011 में 1000 बेटों पर बाड़मेर में 902 बेटियां ही थी जो अब बढ़ते-बढ़ते 984 आ गई है। उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में ही बेटे-बेटी का यह फर्क खत्म हो जाएगा। बाड़मेर अब प्रदेश के सर्वाधिक बेटियों के जन्म वाला जिला हो गया है।
2. मां बनना हुआ सुरक्षित
सीमांत बाड़मेर जिल में सुरक्षित प्रसव एक बहुत बड़ी चुनौती था लेकिन 2011 के बाद स्थितियां बदली और अब संस्थागत प्रसव की संख्या 70 हजार के करीब पहुंच गई है। इससे जच्चा-बच्चा दोनों को सुरक्षा मिलने लगी है। इसी कारण लिंगानुपाता के आंकड़े में भी वृद्धि हुई है।
3. पढऩे लगी है बहू-बेटियां
बाड़मेर और बालोतरा में राजकीय महाविद्यालय में अब 80 से 90 प्रतिशत अंक लाने वाली बेटियों का दाखिला हो रहा है। बेटियां ही नहीं अब बहू को भी कॉलेज भेजकर पढ़ाया जा रहा है। महिलाओं को नौकरी करने की सोच में बदलाव आने से 40 प्रतिशत बेटियों को नौकरी में दिलचस्पी है।
4. पुलिस-सेना और तेल क्षेत्र में बेटियां
बेटी के पढऩे के बाद उसको शिक्षक, चिकित्सक और नर्स बनाने तक की सोच अब बदली है। पुलिस और सेना में बेटियां पहुंचने लगी है और बाड़मेर के तेल क्षेत्र में भी 30 प्रतिशत बेटियों को रखने का नियम होने से इस क्षेत्र में भी बेटियों का परचम होने लगा है।
बड़ा हों हमारा विजन
- हैण्डीक्राफ्ट से मिले रोजगार
बाड़मेर में हैण्डीक्राफ्ट ग्रामीण महिलाओं के लिए बड़ा उद्योग है। सिंधी पाकिस्तानी कल्चर के हैण्डीक्राफ्ट की एक लाख से अधिक दस्तकार है। रूमादेवी इन्हीं को आगे बढ़ाकर नारी शक्ति पुरस्कार तक पहुंची है। हैण्डीक्राफ्ट को आगे बढ़ाकर रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण का बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
- महिला कृषि महाविद्यालय खुले
बाड़मेर में कामकाजी पुरुष और महिलाओं के आंकड़े पर गौर करें तो 5 लाख 6242 महिलाएं काम कर रही है ओर 6 लाख 96 हजार 240 पुरुष। सबसे बड़ा क्षेत्र कृषि है। जिले में बारहवीं के स्कूल तो है जहां कृषि अलग से विषय है लेकिन सरकारी स्तर का कृषि महाविद्यालय नहीं है। बाड़मेर में महिला कृषि महाविद्यालय खोला जाए तो यहां की बहू-बेटियां इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकती है।
- हरियाणा की तर्ज मिले खेल में अवसर
बाड़मेर में खेल के क्षेत्र में बाड़मेर की बेटियां मजबूत है। खो-खो, जिम्रास्टिक और कंूग फू में बाड़मेर की टीम ने राष्ट्रीय स्तर तक परचम लहराया है। हरियाणा में बेटियों को खेलों के लिए अवसर दिया जा रहा है। बाड़मेर में भी हरियाणा की तरह ही ग्रामीण क्षेत्र की बेटियां मजबूत है। इनको खेल का अवसर दिया जाए तो बाड़मेर भी देश के लिए मेडल जीतने वाला क्षेत्र हो सकता है।
महिलाओं के विकास में बाधक
1. अशिक्षा:8 लाख 29 हजार 868 निरक्षर
वर्ष 2011 के साक्षरता के आंकड़ों में बाड़मेर में महिला साक्षरता की दर चिंतनीय है। जिले में 40.63 महिलाएं ही साक्षर है,यानि 8 लाख 29 हजार 868 महिलाओं को अभी भी लिखना-पढना नहीं आता है,हालांकि एक दशक में यह स्थिति काफी बेहतर हुई है लेकिन आज भी महिला साक्षरता यहां चुनौती बना हुआ है
2. अत्याचार:
जिले में महिला अत्याचार का ग्राफ बढ़ रहा है। सामुहिक आत्महत्या व आत्महत्या के आंकड़े तो चिंतनीय हो चुके है। हर चौथे दिन एक महिला बच्चों सहित आत्महत्या कर रही है। दहेज प्रताडऩा के आंकड़े भी ज्यादा है।
3. रोजगार:
महिला रोजगार के नाम पर मनरेगा में लाखों महिलाओं के सिर पर तगारी है। इसके अलावा कृषि और पशुपालन में ज्यादा महिलाएं है। मनरेगा में हैण्डीक्राफ्ट व खादी को जोडऩे, कृषि क्षेत्र में महिलाओं को विद्यार्थी मित्र की तर्ज पर गांव स्तर से कृषि मित्र बनाने, डेयरी प्लांट महिलाओं के नाम से आवंटित करने की दरकार है। साक्षर महिलाओं का बड़ा हिस्सा इससे जुड़ेगा
4. शिक्षा के अवसर:
जिले में दो सरकारी महिला महाविद्यालय है, जबकि कुल 16 महाविद्यालय है। जिले में महिला महाविद्यालय, नर्सिंग कॉलेज, महिला विधि महाविद्यालय, रिफाइनरी व तेलक्षेत्र के मदद्ेनजर महाविद्यालय में विषय, ऑनर्स की पढ़ाई सहित विभिन्न शिक्षा के अवसर प्रदान करने की दरकार है।
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Published on:
05 Oct 2021 11:39 am
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