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आइस बॉक्स तरबूज की बम्पर पैदावार, किसान मालामाल

—65 बीघा में तीन सौ टन फलोत्पादन,—महिलाओं की रही खासी भागीदारी बाड़मेर जिले के तारातरा मठ गांव के किसान विक्रमसिंह ने पहली बार आइस बॉक्स किस्म के तरबूज की बुवाई कर बम्पर पैदावार की है। संभवत: वह जिले के पहले किसान हैं, जिन्होंने एक साथ 65 बीघा में तरबूज बोया और रिकॉर्ड 300 टन तरबूज का उत्पादन लिया।

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आइस बॉक्स तरबूज की बम्पर पैदावार, किसान मालामाल

आइस बॉक्स तरबूज की बम्पर पैदावार, किसान मालामाल

उर्वरा शक्ति को बढ़ाया
किसान ने खेती में कई नवाचार किए हैं। सालभर पहले उन्होंने खेती- किसानी की शुरुआत अपनी पुश्तैनी जमीन से की। गत वर्ष जुलाई माह में उन्होंने मूंग की बुवाई की। मूंग में फ लियां लगने से पहले पूरी फ सल को जमींदोज किया। इससे भूमि की उर्वरा- शक्ति बढ़ गई।

महिलाओं का रहा खासा योगदान
तरबूज की बुवाई सार संभाल, पकने के बाद फ सल लेना व परिवहन के लिए लोडिंग करना, इन सभी कार्यों को महिला मजदूरों ने बखूबी अंजाम दिया। 62 महिलाओं ने दिहाड़ी पर अपने काम को पूरी जिम्मेवारी के साथ किया।

दिल्ली व पुणे से मिले अधिकांश ऑर्डर
किसान के खेत में तरबूज की फसल पकने के दौरान ही खरीददारों की लाइन लग गई। गुणवत्ता बेहतर होने के कारण दिल्ली व पुणे के खरीददारों ने अच्छी कीमत ऑफर की। उन्होंने लगभग पूरी पैदावार दिल्ली व पुणे भिजवाई।

एक साल तक कई नवाचार
उन्होंने फ्रेंच फ्राइज आलू की बुवाई की और बम्पर फसल प्राप्त की। बाड़मेर के धोरों में फ्रेंच फ्राइज आलू उगाने वाले वह पहले किसान बने और सुर्खियों में आ गए। आलू के बाद जौ की फ सल ली। करीब 100 दिन पहले उन्होंने अपने 65 बीघा हिस्से में आइस बॉक्स तरबूज की बुवाई की। ठीक नब्बे दिन में तरबूज तैयार हो गए। उन्होंने प्रयोग के तौर तरबूज बोए थे, पहली बार में ही 300 टन तरबूज हो गए।

धर्मसिंह भाटी— बाडमेर


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