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बाड़मेर

कौनसा इलाका जहां 50 से ज्यादा जाएगा तापमान

बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के लिए हीटवेव अब आपदा बनने लगी है। मार्च माह में तापमान 41 डिग्री से शुरू हुआ है । मई-जून के करीब 60 दिन 48 से 50 पार तक पहुंच जाता हैै।

बाड़मेरMar 19, 2025 / 09:56 pm

Ratan Singh Dave

jsm
बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के लिए हीटवेव अब आपदा बनने लगी है। मार्च माह में तापमान 41 डिग्री से शुरू हुआ है । मई-जून के करीब 60 दिन 48 से 50 पार तक पहुंच जाता हैै। सालाना दो से तीन डिग्री तक तापमान बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार कार्बनडाई ऑक्साइड वातावरण में बढऩे और ऑक्सीजन की लगातार कमी इसकी वजह है। हीटवेव से इंसानों की बीमारी और मृत्यु के आंकड़े तो हैं ही पशु पक्षियों व रेगिस्तानी जीव-जन्तुओं की मौत रेगिस्तान के जलवायु में बड़ा बदलाव ला रही है

हीटवेव के कारण

लाखों बीघा जमीन अवाप्त हुईह है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई लगातार की जा रही है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और अन्य प्लांट को दी जमीन, खेत- खलिहान हुए कम होने लगे है। हाईवे-सड$क, एक्सप्रेस वे और भवन निर्माण में पेड़ों की कटाई अंधाधुंध हो रही है। एसी और बिजली आधारित उपकरण बढऩे से भी बढ़ रहा तापमान। वाहनों की संख्या चार गुणा बढ़ी, तापमान बढ़ाने के बड़े कारक बन रहे है।

हीटवेव प्लान में क्या हों?
गर्मी को आपदा की श्रेणी में लेकर प्रबंधन करना होगा। अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों पर गर्मी बचाव के उपाय करने होंगे। श्रमिकों के लिए कार्य का समय सुबह-शाम हो निर्धारित हो सकता है। पौधरोपण व संरक्षण के लिए बने अनिवार्य ट्री संरक्षण कानून लागू किया जाएगा।
एक्सपर्ट व्यू
ड़मेर-जैसलमेर में जलवायु बदलाव से इसका मूल स्वभाव खतरे में है। धोरे खत्म हो रहे हैं। थार की वनस्पति में भी खेजड़ी, नीम, पीपल, जाळ कम हुई है। इससे वनस्पति को बड़ा नुकसान हुआ है। रेगिस्तानी जीव जंतु तो अब बहुत कम नजर आते हैं। लू चलती थी, अब अलग तरह की चमड़ी जलाने वाली गर्मी है। गर्मी से लोग बीमार पडऩे लगे हैं। जिसमें त्वचा रोग, लू, तापघात, बुखार के मरीज ज्यादा आते हैं। जलवायु बदलने का मूल कारण हम खुद रेगिस्तान केा खत्म करने में तुले है।
गोपालकृष्ण व्यास, भू वैज्ञानिक

तापमान 5 डिग्री कम कैसे हो?
हीटवेव के एक्शन प्लान का पहला कार्य तो यह हो कि कम से कम 5 डिग्री तापमान कम कैसे हो, इसके लिए कार्य किया जाए। गुजरात के अहमदाबाद मॉडल पर काम किया जाए। पौधरोपण, तालाबों के पास में ओरण-गोचर में पेड़ पनपाना, सड$कों के किनारे पौधे लगाना अनिवार्य हो। एक बुलेटिन जारी हो जो 48 घंटे पहले ही हीटवेव की जानकारी दे। इस अनुसार लोग अपनी दिनचर्या तय करें। हीटवेव को लेकर अभी तक कोई विशेष कार्य राजस्थान में नहीं हुआ है। जरूरी है कि हीटवेव के एक्शन प्लान पर अभी से काम हो।
डॉ. महावीर गोलेच्छा, विशेषज्ञ

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