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भोजन की थाली में मिलावट: दूध, घी, तेल, पनीर, मसाले सब में मिलावट, जिम्मेदारों पर क्यों ना हो कार्रवाई

पढ़े ..मिलावट रोकने के लिए जिम्मेदारों के रवैये पर अरुण शर्मा की टिप्पणी

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बस्सी

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Arun Sharma

Nov 28, 2019

भोजन की थाली में मिलावट: दूध, घी, तेल, पनीर, मसाले सब में मिलावटी, जिम्मेदारों पर क्यों ना हो कार्रवाई

भोजन की थाली में मिलावट: दूध, घी, तेल, पनीर, मसाले सब में मिलावटी, जिम्मेदारों पर क्यों ना हो कार्रवाई

अरुण शर्मा
Jaipur .मिलावटखोरी रोकने के लिए जिम्मेदार विभागों के अफसरों एवं निरीक्षकों ने आंखेें मूंद रखी हैं। जिसका नतीजा है कि जयपुर के आसपास इलाकों में खाद्य सामग्री में जमकर मिलावट का गोरखधंधा धड़ल्ले से फलफूल रहा है। मिलावटखोर अपने-फायदे के लिए हर प्रकार के खाद्य पदार्थों में धीमा जहर घोल रहे हैं।
अनदेखी की हद इस कदर है कि पुलिस कार्रवाई में पकड़े गए मिलावटखोर सालों से मिलावट कर रहे हैं और मिलावट रोकने के जिम्मेदारों ने इस गोरखधंधे की ओर झांकने की जहमत तक नहीं की। पिछले
दिनों पुलिस ने चंदवाजी में दो हजार किलोग्राम मिलावटी पनीर पकड़ा। यह पनीर जयपुर शहर एवं आसपास के इलाकों में खपाया जाना था। वहीं कोटपूतली के पास सरुण्ड थाना इलाके के भोजावास गांव में पुलिस ने मिलावटी घी के धंधे का पर्दाफाश किया। यहां विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगाकर नकली घी बेचा जा रहा था। मिलीभगत का यह खेल पांच साल से चल रहा था। इस दौरान हजारों टिन मिलावटी घी और तेल खपाया गया। ना जाने कितने लोगों को यह जहर खिलाकर सेहत से खिलवाड़ किया गया ? आश्चर्य की बात है कि मिलावटखोर दूध तक में केमिकल मिलाने से भी नहीं चूक रहे। पिछले दिनों जयपुर-दिल्ली हाइवे पर कई चंदवाजी, शाहपुरा के आसपास पड़ौसी राज्यों के बड़े शहरों में सप्लाई किए जा रहा हजारों लीटर मिलावटी दूध पकड़ा। ढाबों पर दूध के टैंकरों में मिलावटखोरी का यह खेल लंबे समय से चल रहा था। बस्सी के रीको क्षेत्र में पुलिस ने मसालों में मिलावट की फैक्ट्री पकड़ी। हल्दी बनाने में चावल की चापड़, नहीं खाने योग्य पीली डाई, लाल मिर्च में गेहूं की चापड़ व हानिकारक रंग मिलाने की बात सामनी आई। नकली टोमटो सॉस बनाते पकड़ा। आश्चर्य है कि बरसों से चल रहे इस गोरखधंधे पर जिम्मेदार विभाग के निरीक्षकों की नजर क्यों नहीं पड़ती ? ये मिलावटखोर कैसे जिम्मेदारों की पकड़ में नहीं आए ? क्या अनदेखी करनेवाले ऐसे जिम्मेदार निरीक्षकों पर मानव स्वास्थ्य को खतरे में डालने के लिए कार्रवाई की प्रक्रिया करके दोषी पाए जाने पर जेल नहीं होनी चाहिए ? लालच की हद है कि घी-तेल, पनीर, दूध, मसाले, आटा कुछ नहीं छोड़ा। थाली में रोजाना परोसे जानी वाली हर खाद्य सामग्री में हानिकारक रंग, केमिकल मिला दिए। यह तक नहीं सोचा कि उनके घर-परिवार के लोग यह धीमा जहर नहीं खाते होंगे क्या? पैसे की भूख के आगे सेहत से खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे। जिसका परिणाम है कि कैंसर व पेट की बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं। इन मिलावट खोरों पर सख्ती के लिए जिम्मेदार विभागों को नजर पैनी रखनी पड़ेगी। मिलीभगत या लापरवाही करके मिलावट को बढ़ाने वालों पर कार्रवाई करनी होगी। तभी इस गोरखधंधे पर अंकुश लगेगा।