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शाहपुरा में धरातल पर जल्द उतरेगा ई-धरती प्रोग्राम

शाहपुरा तहसील के काश्तकारों को जल्द ही पटवारी-गिरदावरों के चक्कर लगाने से निजात मिलेगी। सरकार के भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम यानी नेशनल लैण्ड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम एवं ई-धरती प्रोग्राम के तहत शाहपुरा तहसील जल्द ही ऑनलाइन होने वाली है।

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शाहपुरा तहसील में तैयार किया गया मॉडर्न रिकॉर्ड रूम

सत्यप्रकाश शर्मा
शाहपुरा। शाहपुरा तहसील के काश्तकारों को जल्द ही पटवारी-गिरदावरों के चक्कर लगाने से निजात मिलेगी। सरकार के भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम यानी नेशनल लैण्ड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम एवं ई-धरती प्रोग्राम के तहत शाहपुरा तहसील जल्द ही ऑनलाइन होने वाली है। पुराना राजस्व रिकॉर्ड पूरा ऑनलाइन होने के बाद रजिस्ट्री से लेकर तहसील का सभी तरह का राजस्व कार्य ऑनलाइन शुरू हो जाएगा। तहसील के पुराने राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने का कार्य अभी युद्ध स्तर पर चल रहा है। संभवतया आगामी माह तक तहसील ऑनलाइन हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर से प्रदेश का राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने को लेकर करीब ढाई वर्ष पहले ई-धरती प्रोग्राम के तहत नेशनल लैण्ड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम शुरू किया गया था। प्रोग्राम के तहत प्रदेश की सभी तहसीलों में एक मॉडर्न रुम तैयार किया गया है। जिसमें तहसीलों का पुराना राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। इसके बाद तहसीलों का सभी तरह का रजास्व कार्य ऑनलाइन किया जाएगा। तहसील प्रशासन के मुताबिक प्रोग्राम के तहत शाहपुरा तहसील में करीब 70 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। शेष कार्य भी आगामी माह तक पूरा होने की उम्मीद है। तहसील ऑनलाइन होने के बाद भूमि संबंधी विवादों में कमी आएगी। वहीं, काश्तकारों को छोटे-मोटे कार्यों के लिए पटवारी व गिरदावरों के चक् कर नहीं लगाने पडेंग़े।

70 फीसदी कार्य हुआ पूरा, शेष आगामी माह तक हो जाएगा
तहसीलदार सूर्यकान्त शर्मा ने बताया कि नेशनल लैण्ड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के तहत तीन चरणों में कार्य हो रहा है। पहले चरण में सेग्रीगेशन व मैप डिजीटलाइजेशन के तहत जमाबंदी का शुद्धिकरण और नक् शे ऑनलाइन किए गए हैं। दूसरे चरण में सर्वे और रिसर्वे में जीपीएस से राजस्व ग्रामवार जीपीएस से भूमि का सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए शाहपुरा तहसील क्षेत्र में 200 पॉइन्ट लगाए गए हैं। इसका कार्य अभी जारी है। तीसरे चरण में इंटर कनेक्टिविटी यानी आपस में विभागों को ऑनलाइन जोडऩा। इस चरण में जमाबंदी व नक् शों में मिलान किया जाएगा। शाहपुरा में 9 में से 5 गिरदावर सर्किलों का कार्य पूरा हो चुका और शेष का कार्य जारी है। आगामी माह तक पूरा होने की उम्मीद है।
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...तो 6 माह पहले ही हो जाती तहसील ऑनलाइन
शाहपुरा तहसील में मॉर्डन रिकॉर्ड रूम क्षतिग्रस्त होने से देरी हुई है, अन्यथा ६ माह पहले ही तहसील ऑनलाइन हो जाती। जानकारी के मुताबिक योजना शुरू होने पर विभाग ने मॉडर्न रिकॉर्ड रुम तैयार करने वाली कंपनी को क्षतिग्रस्त हॉल ही दे दिया और कंपनी ने वर्ष 2016 में लाखों रुपए का कार्य भी कर दिया था। आधा कार्य करते ही बारिश में मॉडर्न रूम की छत टपकने लग गई। इससे मॉडर्न रुम में लगाई गई फाल्स सिलिंग व कैमरे खराब हो गए। रूम में करंट भी दौडऩे लगा था। जिससे कई माह तक कार्य पर ही ब्रेक लग गया था। इसके बाद पुन: बजट स्वीकृत होने पर पहले कमरे की मरम्मत की गई और बाद में रूम तैयार किया गया। जिससे 6 माह की देरी हो गई।
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यह होगा ई-धरती प्रोग्राम में
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वर्तमान में तहसीलों में रखा राजस्व रिकॉर्ड काफी पुराना व जीर्णशीर्ण हो गया है। उक्त रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिए पुराने दस्तावेजों को स्केनिंग कर बार कोड देकर ऑनलाइन संधारित किया जा रहा है। इससे रिकॉर्ड अपडेट रहेगा, वहीं विभाजित खसरों की तरमीम, नक्शों में की जाकर जमाबंदी व नक्शों में एकरुपता लाई जाएगी। इसके लिए सरकार ने भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम यानी नेशनल लैण्ड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम एवं ई-धरती प्रोग्राम लागू किया गया है। जिसमें विभाजित खसरों की तरमीम, नक् शों में कर जमाबंदी व नक्शों में एकरुपता लाई जाएगी। इस कार्य के लिए जिला कार्यालय एवं सभी तहसीलों में नए मॉडर्न रिकॉर्ड रुम की स्थापना की गई है। कार्य पूरा होने के बाद तहसील में रजिस्ट्री भी ऑनलाइन होने लगेगी।

जमीनी विवादों में कमी जाएगी
राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के बाद लोगों को पटवारियों व तहसील कार्यालयों के चक् कर नहीं काटने पड़ेंगे। वर्तमान में काश्तकारों को जमाबंदी तो ऑनलाइन मिल जाती है, लेकिन जमीनों के नक्शे पटवारी अपने हाथों से तैयार करते हैं। ऐसे में हाथों से तैयार नक्शे कट- फट भी जाते हैं। साथ ही प्राप्त जमाबंदी में भी अधिकांश काश्तकारों के खाते सामलाती है। जिनका जमाबंदी में पता नहीं चलता कि किस काश्तकार की कितनी-कितनी भूमि है। इस कारण आए दिन भूमि संबंधी विवाद होते रहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए यह प्रोग्राम कारगर साबित होगा। जमीनों का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से विवादों में कमी आएगी।


नेशनल लैण्ड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम एवं ई-धरती प्रोग्राम के तहत शाहपुरा तहसील में करीब 70 फीसदी कार्य हो चुका है। आगामी माह तक तहसील ऑनलाइन हो जाएगी। इसके बाद तहसील का सभी तरह का राजस्व कार्य ऑनलाइन शुरू हो जाएगा। कार्य ऑनलाइन होने से काश्तकारों को पटवारियों व तहसील कार्यालय के चक् कर नहीं काटने पड़ेंगे और जमीनी विवादों में भी कमी आएगी।--------सूर्यकान्त शर्मा, तहसीलदार, शाहपुरा