![विद्युत निगम ने उजाड़ दी दहमीकलां की नर्सरी](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2024/06/Forest-Department-Jaipur-rajasthan.jpg?w=640)
हर साल कम हो रहा टारगेट
नर्सरी में सहायक वनपाल राजेन्द्र कुमार मीणा, तकनीशियन तृतीय भागीरथ व विमला बेलदार सहित कुल तीन ही कर्मचारी का स्टाफ है। बताया जा रहा है कि इस बार दस हजार ही पौधों को तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। तीन साल से पहले 20 हजार फिर 15 हजार अब दस हजार ही रह गए हैं। जबकि लक्ष्य अधिक होना चाहिए था। पिछ्ली बार के बचे हुए सहित इस बार के 10 हजार पौधों सहित करीब 16 से 17 क्यारियों में करीब 19 हजार पौधों में पानी के बिना 4 फीट लंबे पौधे काफी संख्या में नष्ट हो चुके हैं। पानी देने के ओर कोई स्रोत भी नहीं है। अगर बिल जमा नहीं हुआ तो इस भीषण गर्मी को देखते हुए संपूर्ण नर्सरी पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी।जिम्मेदार ने पल्ला झाड़ लिया
इस मामले को लेकर जब दहमीकलां नर्सरी प्रभारी सहायक वनपाल राजेन्द्र कुमार मीणा से बात की तो उन्होंने अपने ही विभाग को जिम्मेदार ठहरा कर पल्ला झाड़ लिया। बताया कि नर्सरी में करीब सालभर से बिजली का बिल बकाया चल रहा है जिसके चलते विद्युत निगम ने कुछ माह पहले कनेक्शन काट दिया है। बोरिंग बंद है जिसके चलते पौधों की सिंचाई नहीं हो पा रही है। वन विभाग की ओर से सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था के इंतजाम भी नहीं किए जा रहे। बताया गया कि बिजली बिल बकाया होने के चलते विद्युत कनेक्शन काटने के मामले को लेकर वनपाल, क्षेत्रीय वन अधिकारी, डीएफओ, डीसीए जयपुर सहित आलाधिकारियों को लिखित व मौखिक में कई बार अवगत करवाया है लेकिन आज तक का बिल भुगतान का नहीं करवाया गया है।कनेक्शन कट रहा है। बिल जमा नहीं है तो हम क्या करें। हम तो आगे बार-बार लिखित में अवगत करवा रहे हैं। कार्रवाई कुछ हो नहीं रही है। कम से कम दस जगहों के और कनेक्शन कटने की स्थिति में हैं। कुल 5 से 7 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं। जेडीए से पैसा आता है जो कि अभी कोई किस्त रिलीज नहीं कर पा रहा। जेब से तो कहां से बिल जमा कराएं।
-सुरेन्द्र शर्मा, क्षेत्रीय वन अधिकारी रेंज, झालाना
-राजेन्द्र कुमार मीना, नर्सरी प्रभारी दहमीकलां
-गौरव पाण्डे, कनिष्ठ अभियंता, विद्युत निगम बगरू