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केशवाना से अमरीका, शाहपुरा से कतर, उड़ान भर रहा निर्यात का ग्रामीण बाजार

आत्मनिर्भर राजस्थान : जयपुर जिले के ग्रामीण औद्योगिक क्षेत्रों में निर्यात योग्य उत्पादों की अपार संभावना  

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केशवाना से अमरीका, शाहपुरा से कतर, उड़ान भर रहा निर्यात का ग्रामीण बाजार,केशवाना से अमरीका, शाहपुरा से कतर, उड़ान भर रहा निर्यात का ग्रामीण बाजार

अभिषेक सिंघल
जयपुर. देश के कुल निर्यात में प्रदेश की नाममात्र की भागीदारी को बढ़ाने में जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जहां जयपुर शहर जैम-ज्वैलरी, रेडीमेड गारमेंट, हैंडीक्राफ्ट सहित कई उत्पादों का हब है वहीं जयपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से ग्रेनाइट, लकड़ी उत्पाद, कांच, चमड़ा, कृषि यंत्र, पीयू उत्पाद सहित कई उत्पादों का निर्यात बढ़ाया जा सकता है।
'झांसी रेड' बढ़ा रहा है मान
शाहपुरा से ग्रेनाइट की टाइल्स निर्यात की जाती हैं। यहां रीको क्षेत्र में तैयार होने वाली झांसी रेड कलर नाम से प्रसिद्ध रेड टाइल्स विदेशों में विशेषकर खाड़ी देशों में खासा पसंद किया जाता है। यहां से दुबई, कतर, कुवैत, टर्की, वियतनाम, ओमान, कोरिया, ईरान, इराक, थाईलैंड, सिंगापुर, रशिया आदि देशों में टाइल्स निर्यात की जाती हैं। शाहपुरा रीको औद्योगिक क्षेत्र में ग्रेनाइट व मार्बल की करीब 90 फैक्ट्रियां संचालित हैं। जिसमें 75 से अधिक फैक्ट्रियां ग्रेनाइट की हैं। यहां सालाना करीब 100 करोड़ रुपए का टर्नओवर रहता है।
आईपी सर्वे में चिन्हित संभावना वाले क्षेत्र
शाहपुरा: पॉलिश्ड ग्रेनाइट व टाइल्स
चाकसू: मार्बल स्लैब्स व टाइल्स, पशुआहार
जैतपुरा: पीयू व पीवीसी सिंथेटिक लेदर क्लॉथ, आचार, जैम व टमाटो उत्पाद, पीवीसी वायर-केबल
बगरू: आचार, जैम व टमाटो उत्पाद, लकड़ी - हैंडीक्राफ्ट, पाइप
चौमूं: पशुआहार, कृषि यंत्र
फागी: पशुआहार, क्वाट्ज पाउडर
दूदू: क्वार्ट्ज पाउडर
रेनवाल: पशुआहार
बस्सी: मोजाइक टाइल्स, कृषि यंत्र,हस्त निर्मित कागज, लकड़ी- हैंडीक्राफ्ट, पाइप
कालाडेरा: कृषि यंत्र, हस्त निर्मित कागज
कोटपूतली: कांच, तौलिया, कृषियंत्र
मानपुरा माचैड़ी: लेदर टेनिंग

फाइन ग्रीन चमड़े की है धमक
मानपुरा माचैड़ी स्थित रीको औद्यागिक क्षेत्र में चमड़ा से संबंधित 34 इकाइयां है, लेकिन वर्तमान में 9 इकाइयां ही चालू है। यहां शेखावाटी, बीकानेर, नागौर, श्रीमाधोपुर, अजमेर, कोटा, चूरू, सीकर आदि जिलों से चमड़ा कच्चे माल के रूप में आता है। यहां से इसकी फेंसिंग कर मद्रास, कानपुर व दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भेजते हैं। वहां के उद्योगपति इसे निर्यात करते हैं। इसे जर्मनी, रशिया, यूके, चीन में काफी पसंद किया जाता है। शेखावाटी से प्राप्त चमड़ा प्रोसेस के बाद फाइन ग्रीन के नाम से जाना जाता है और यह खूब डिमांड में रहता है। मानपुरा माचैड़ी से सीधा निर्यात किया जा सकता है।

अफ्रीका की जमीन संवार रहे कृषि यंत्र

जैतपुरा औद्योगिक क्षेत्र में तैयार होने वाले कृषि यंत्रों की विश्वभर में पहचान है। यहां रीको में करीब आधा दर्जन फैक्ट्रियों के अलावा बहुतायत में लघु उद्योग हैं। गांव में करीब 40 लघु उद्योग हैं, जिनमें मुख्य रूप से हेरा, प्लाऊ, कल्टीवेटर, रोटावेटर, थ्रेसर आदि बनाए जाते हैं जिनकी अफ्रीकी देशों सहित कई देशों में अधिक डिमांड है। इसके अलावा पशु आहार की लगभग एक दर्जन फैक्ट्रियां स्थापित हैं। सालाना टर्नओवर लगभग तीस करोड़ के करीब है। सरकार से सहयोग मिलने पर पशु आहार को निर्यात भी किया जा सकता है।

कालाडेरा के फर्नीचर की डिमांड

कालाडेरा में हैंडीक्राफ्ट एवं फर्नीचर की पांच इकाई संचालित है। यहां का हैंडीक्राफ्ट विदेशों में काफी पसंद किया जाता है। अच्छी क्वाालिटी का फर्नीचर होने से इसकी विदेशों में अच्छी मांग है। पांचों इकाइयों का सालाना कई करोड़ का टर्नओवर है। यहां से इंग्लैड, अमरीका, कनाडा आदि देशों में माल एक्सपोर्ट होता है। कालाडेरा में पेपर रोल मील की भी चार इकाइयां संचालित हैं। इनका सालाना टर्नओवर करीब 100 करोड़ से अधिक है।

क्वार्ट्ज मार्बल की विदेशों तक चमक
कोटपूतली के केशवाना औद्योगिक क्षेत्र में करीब 15 फैक्ट्रियां संचालित है। इनमें तैयार फोटो फ्रेम ग्लास, कपड़े का तौलिया व क्रिएटिव क्र्वाटज मार्बल की भी विदेशों तक चमक है। तौलिए की फैक्ट्री से 90 फीसदी माल ब्राजील, टर्की, श्रीलंका, नेपाल सहित एक दर्जन देशों में जाता है। क्रिएटिव क्वार्ट्ज मार्बल टाइल्स की डिमांड यूएसए में है। 100 प्रतिशत माल विदेशों में जाता है।

इनका कहना है...

शाहपुरा में झांसी, छतरपुर और जालोर से ब्लॉक्स आते हैं। जिनकी यहां प्रोसेसिंग, पॉलिशिंग कर टाइल्स और स्लेब्स तैयार किए जाते हैं। पिलर- काउंटर की डिमांड है।
सुभाष गोयल, कोषाध्यक्ष, रीको संघ, शाहपुरा

जैतपुरा की फैक्ट्रियों में तैयार कृषि यंत्र नाइजीरिया, ब्राजील सहित कई एशियन, अफ्रीकन, यूरोपियन, लैटिन अमरीकी देशों में जाते है। यहां की मजबूत इंजीनियरिंग के चलते वहां इसकी जबरदस्त डिमांड है।
रामरतन जांगिड़, उद्योगपति, रामपुरा डाबड़ी

मानपुरा माचैड़ी में सालाना करीब 35 से 40 करोड़ का टर्नओवर है। यहां रीको में 9 इकाई संचालित है। जिनमें से दो इकाइयों का तैयार माल विदेशों में निर्यात होता है।
अमित खींची, जनरल सेक्रेट्री, रीको चमड़ा उद्योग, मानपुरा माचैड़ी

जयपुर सहित पूरे राजस्थान में निर्यात को बढ़ाने के लिए 'मिशन निर्यातक बनो' कार्यक्रम चल रहा है। इसके तहत जयपुर जिले के निर्यातकों के लिए भी अपार संभावनाएं हैं।
पी.आर. शर्मा, सीईओ, राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद