
गौरव कासलीवाल ने दिए साइबर थ्रेट्स से डाटा सुरक्षित रखने के टिप्स
जयपुर। आज के समय में हमारे फोन का डाटा बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। हमारे फोन को हैक कर साइबर ठग यानी कि हैकर्स हमारे बारे में तमाम वह जानकारियां हासिल कर सकते हैं जो हमें बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए काफी हैं। इसीलिए अपने फोन के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए आपको हमेशा अपडेट रहना चाहिए। यह कहना है साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट गौरव कासलीवाल (Gaurav Kasliwal) का। उन्होंने साइबर थ्रेट्स से डाटा सुरक्षित रखने के टिप्स दिए।
गौरव (Gaurav Kasliwal) ने बताया कि मैलवेयर, रैंसमवेयर जैसे सॉफ्टवेयर को हैकर ज़्यादातर किसी लिंक, पॉप-अप मेसेज या ई-मेल के माध्यम से दूसरे कंप्यूटर में भेजते हैं और लुभावने तरीकों से लिंक को टच करने के लिए उकसाते हैं। अगर व्यक्ति लिंक पर टच कर देता हैं तो कंप्यूटर का पूरा कन्ट्रोल हैकर के हाथों में चला जाता है और हैकर उन्हे ब्लैकमेल करते हैं।
इसी तरह हैकर किसी विश्वसनीय संस्था या बैंक के रूप में किसी व्यक्ति को कोई मेसेज या ई-मेल भेजता है, जो देखने पर बिलकुल विश्वसनीय लगता है। इसके पीछे हैकर का मकसद उस व्यक्ति की संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक अकाउंट नंबर, डेबिट कार्ड, आधार कार्ड आदि जानकारी लेकर, उसे आर्थिक नुकसान पहुंचाना होता है। कहीं-कहीं हैकर, दो लोगों या संस्थाओं के बीच का बातचीत सुनकर उन्हें हैक करते हैं।
'पता' एप्लिकेशन है मददगार
उन्होंने बताया कि पता ऐप एक डिजिटल एड्रेस ऐप है जो आपके लम्बे एड्रैस को एक छोटे शॉर्ट कोड में बदलता है, जिससे एड्रेस शेयर करने और समझाने में आसानी होती है। 'पता' अपने यूज़र की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखता है। इसे यूज़र-सेंट्रिक कंट्रोल कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यूज़र को पूरा हक है कि वह ऐप में वही जानकारी दे जो उसे सुरक्षित रखे। ऐप में दी गई जानकारी, यूज़र की सहूलियत के लिए है। रेट लिमिटिंग के द्वारा सर्वर सुरक्षित रखा जाता है। एक तय सीमा के बाद सर्वर पर अटेम्प्ट मान्य नहीं होते। यह हैकर से बहुत बड़ी सुरक्षा है क्यूंकी वे जानकारी के लिए, सर्वर पर बार-बार हिट करते हैं।
Published on:
01 Mar 2022 10:22 pm
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