ऐसा ही हाल शाहपुरा निवासी संजय लील के परिजनों का था। संजय जालौर में नौकरी के लिए दस्तावेज जमा कराने गया था, उसके परिजनों को क्या पता कि उनका बेटा संविदा पर नौकरी के लिए घर से बाहर जा रहा है जो अब कभी नहीं लौटेगा, वरना उसे जाने ही नहीं देते। दोपहर में संजय और सुरेश का शव उनके गांव पहुंचा तो दोनों के घरों में माहौल गमगीन हो गया। शव को देखकर सुरेश की पत्नी मनीषा व मां धापा देवी बेसुध हो गई। उसकी मां धापा देवी बेटे को याद कर बार-बार बेसुध हो रही थी। उसकी बहन विमला देवी का भी रो-रोकर हाल बेहाल था।
आसपास के लोगों ने बताया कि सुरेश परिवार का सहारा था। उसका परिवार खेती कार्य पर ही निर्भर था। पिछले कुछ साल से सुरेश चालक का कार्य करने लगा था। ताकि परिवार का पालन पोषण ठीक तरीके से हो सके। उनको क्या पता कि वाहन चालक का कार्य उनके लाल की जिन्दगी छीन लेगा। मृतक के पिता प्रभाती लाल, बड़ा भाई प्रधान व शंभू गांव में खेती का कार्य करते हैं। जबकि सुरेश ट्रांंसपोर्ट का कार्य कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था।
गमगीन माहौल में दोपहर बाद हुआ अंतिम संस्कार, 12 वर्ष के बेटे ने दी मुखाग्रि
सुबह हादसे की सूचना मिलने पर परिजन अजमेर पहुंचे। जहां से दोपहर बाद शव लेकर गांव आए और शाम को करीब 4 बजे तेजपुरा गांव में परिजनों, रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने गमगीन माहौल के बीच उसका अंतिम संस्कार किया। मृतक के 12 वर्ष के बेटे आदित्य ने पिता के शव को मुखाग्नि दी। इतनी छोटी उम्र में बेटे के सिर से पिता का साया उठने से अंत्यष्टि स्थल पर मौजूद ग्रामीणों व रिश्तेदारों की आंखों से आंसू छलक पड़े। अंत्येष्टि में आसपास के गांवों के काफी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
इकलौता बेटा था संजय, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हादसे का शिकार लीलों की ढाणी शाहपुरा निवासी संजय लील (22) का उसकी ढाणी में अंतिम संस्कार किया गया। संजय भी उस दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। पार्षद राजेन्द्र प्रसाद लील ने बताया कि संजय ने वेटनरी की ट्रेनिंग की थी। वह जालौर में संविदा पर नौकरी करने के लिए अपने दस्तावेज जमा कराने दो दिन पहले जालौर गया था।
वहां उसका मामा ट्रक चालक सुरेश मिल गया। वह दस्तावेज जमा कराने के बाद मामा के साथ वापस घर लौट रहा था। इसी दौरान हादसे ने उसे छीन लिया। संजय परिवार में इकलौता बेटा था। उसके दो बहनें है जो उससे छोटी है। उसके पिता बोदूराम व मां खेती कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। अब बेटे के जाने से उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सभी परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
5 दिन पहले ही घर से गया था सुरेश
ग्रामीणों ने बताया कि तेजपुरा निवासी मृतक सुरेश निठारवाल (35 ) ने जालौर में तेजपुरा गोल्डन नाम से ट्रांसपोर्ट कंपनी चोाली थी। सुरेश 5 दिन पहले ही घर से गाडी लेकर जालौर के लिए रवाना हुआ था। उस दौरान वह परिजनों से कुछ दिन में आने की कहकर रवाना हुआ था। उनको क्या पता कि उनके बेटे को अब कभी नहीं देख पाएंगे। वह शाहपुरा से ट्रक लेकर चला गया। इसके बाद मंगलवार को जालौर से वापस जयपुर की ओर आ रहा था।
इसी दौरान अजमेर -ब्यावर बाइपास पर सामने से आ रहे ट्रक की भिडन्त से सुरेश निठारवाल व शाहपुरा निवासी उसका दूर के रिश्ते का भाजना संजय लील समेत दोनों ट्रकों के चालक व परिचालक सहित चार जने जिंदा जल गए। मृतक लीलों की ढाणी निवासी संजय लील (२२) का ननिहाल तेजपुरा में ही है और वह दूर के रिश्ते में सुरेश का भानजा लगता था। भीषण सडक़ हादसे में दोनों ट्रक धू-धूं कर जल गए और उनके सवार दोनों मामा-भाजने और दो अन्य लोग भी मौत का शिकार हो गए।
मृतक की पत् नी रह चुकी पंचायत समिति सदस्य
मृतक सुरेश की पत् नी मनीषा जाट पूर्व में पंचायत समिति सदस्य रह चुकी है। उसके एक 12 वर्ष का बेटा आदित्य और एक 10 वर्ष की बेटी अनुष्का है। अब दोनों बच्चों की जिम्मेदारी परिवार के अन्य सदस्यों पर आ गई है।