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बस्सी

स्थगन आदेश देने के विरोध में वकीलों ने न्यायिक कार्य स्थगित रखे, डीजे से मिले, नहीं बनी सहमति

आमेर, सांगानेर, बस्सी व चाकसू के अधिवक्ताओं ने डीजे से मिलकर अपनी मांगों को रखा

बस्सीJan 10, 2018 / 10:39 pm

Dinesh prasad Sharma

Lawyers defer judicial work
बस्सी (जयपुर)। खो-नागौरियान थाने को बस्सी न्यायालय संख्या ३२ में शामिल करने के आदेश पर स्थगन आदेश देने के विरोध में बस्सी न्यायालय में बार एसोसिएशन में रोष बरकरार है। अधिवक्ताओं ने बुधवार को भी न्यायिक कार्य स्थगित रखे।

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आमेर, सांगानेर, बस्सी व चाकसू के अधिवक्ता डीजे से मिलकर अपनी मांगों को रखा। मांगों पर वार्ता की गई, लेकिन सहमति नहीं बनी। इस दौरान कई अधिवक्ता डीजे से मिलेन पहुंचे थे। आमेर, सांगानेर, बस्सी व चाकसू के अधिवक्ताओं डीजे से मिलकर अपनी मांगों को रखा। बार एसोसिएशन अध्यक्ष अमरीश शर्मा ने बताया कि गुरुवार को सभी बारों की स्थानीय बारों में जनरल हाउस की बैठक होगी। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशानुसार डीजे महानगर के मुख्य महानगर मजिस्टे्रट जयपुर महानगर ने खो-नागौरियान थाने को बस्सी न्यायालय संख्या 32, ब्रहृमपुरी थाने को आमेर एवं प्रतापनगर थाने को सांगानेर न्यायालय से जोडऩे के आदेश दिए थे।
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जिसके मुताबिक 8 जनवरी से इन थाना क्षेत्रों में होने वाले अपराधों की सुनवाई शुरू होनी थी, लेकिन इस मामले में डीजे महानगर की ओर से स्थगन आदेश दे दिए गए, जिससे अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है।
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अधिवक्ताओं का कहना है कि खो-नागौरियान थाने को बस्सी, ब्रहृमपुरी थाने को आमेर एवं प्रतापनगर थाने को सांगानेर न्यायालय में शामिल करने के आदेश को स्थगित करना आमजन के साथ भी सही नहीं है।

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