
जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग का कानोता नायला तिराहा।
वर्ष 2008 में निर्मित बीकानेर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग 21 पर बस्सी, कानोता, दौसा, सिकंदरा, मानपुर सहित कई जगह जहां फ्लाईओवर का निर्माण होना था, वहां नहीं कर आगे पीछे कर दिया था, लेकिन अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) हाईवे पर अधिक यातायात जाम या भीड़भाड़ वाले चौराहों पर फ्लाईओवर निर्माण के डीपीआर बनाकर सर्वे करने में जुट गया है। डीपीआर के सर्वे में इस हाईवे पर जिन स्थानों कि रिपोर्ट यह आएगी कि वहां फ्लाईओवर निर्माण जरूरी है, वहां पर फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा।
सही स्थानों पर नहीं बनाए थे फ्लाईओवर
बीकानेर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जयपुर से महुवा तक के हाईवे पर गौर किया जाए तो यहां 2008 में इस हाईवे का निर्माण किया था तब कानोता में नायला मोड़ की जगह 500 मीटर आगे फ्लाईओवर बना दिया। बस्सी चक की जगह मोहनपुरा में बना दिया। सिकंदरा में सिकंदरा चौराहे की जगह एक किलोमीटर आगे बना दी। मानपुर में भी चौराहे की जगह आगे और मेहंदीपुर बालाजी में भी सही स्थान पर नहीं बनाई। हालांकि दौसा में सैंथल मोड़ पर एक फ्लाईओवर सही स्थान पर है। जबकि इन स्थानों पर फ्लाईओवर सही जगह नहीं बनने से आए दिन जाम लगता है और सड़क दुघर्टनाएं होती है। जहां एनएचआई ने फ्लाईओवर बनाए है वहां यातायात दबाव नहीं हैं।
यहां बनने चाहिए फ्लाईओवर
यदि एनएचआई का डीपीआर सर्वे हुआ तो इन पांचों स्थानों के अलावा भी अन्य कई ऐसी जगह है जहां पर फ्लाईओवर का निर्माण जरूरी है। जयपुर से महुवा की ओर चलने पर मीना पालड़ी चौराहा, दयारामपुरा, बैनाड़ा मोड़, बांसखोह फाटक, खैरवाल मोड़, दौसा बायपास, दौसा कलक्ट्रेट, भाण्डारेज मोड़ व बालाहेड़ी मोड़ पर दिनभर जाम व यातायात दबाव रहता है।
बस्सी-कानोता में आम है जाम
इस हाईवे पर जयपुर से बस्सी के बीच की बात की जाए तो 52 फीट हनुमान मंदिर, जामड़ोली, मीना पालड़ी व कानोता में नायला तिराहा, बस्सी व बांसखोह फाटक पर यातायात दबाव अधिक रहता है। जिसमें मीना पालड़ी, कानोता में नायला तिराहा व बस्सी चक पर बार-बार जाम लगा रहता है। कानोता के नायला तिराहे व बस्सी चक पर तो हालात ही खराब है। कई बार तो दोनों ओर एक एक घंटे व एक-एक किलोमीटर तक का जाम लग जाता है।
इनका कहना है…
हाईवे पर जिन स्थानों पर फ्लाईओवर की आवश्यकता है, उन स्थानों के लिए अब डीपीआर तैयार की जा रही है। डीपीआर की रिपोर्ट आने के बाद फ्लाईओवर बनाने के लिए एस्टीमेट तैयार कर एनएचएआई मुख्यालय भेजा जाएगा।
-बलवीर सिंह यादव, परियोजना निदेशक, एनएनआई कार्यालय दौसा
Published on:
05 Jan 2025 05:11 pm
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