
बीलवाड़ी ग्राम पंचायत में डाबर की ढाणी रास्ता का किया दुरुस्त
शाहपुरा। पिछले दिनों हुई बारिश से खस्ताहाल रास्ते की कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने सुध नहीं ली तो, आगे आए ग्रामीणों ने ही मिलकर आपसी सहयोग से रास्ते को दुरुस्त कर दिया। ग्रामीणों के इस कार्य की सभी लोग सराहना कर रहे हैं। रास्ता दुरुस्त करने से अब ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी नहीं होगी। मामला विराटनगर पंचायत समिति क्षेत्र की बीलवाड़ी ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या 12 में डाबर की ढाणी का है। ग्रामीणों ने मिलकर राशि जुटाई और फिर मोर्रम डालकर रास्ते को दुरुस्त कर दिया। पंचायत समिति सदस्य मुकेश सैनी ने बताया कि बीलवाड़ी पंचायत के वार्ड 12 में डाबर की ढाणी की ओर जाने वाला रास्ता पिछले दिनों आई बारिश से खस्ताहाल हो गया था। रास्ता गड्ढों में तब्दील होने व पानी भरने से लोगों को आवागमन में परेशानी होती थी। इस बारे में ग्राम पंचायत सरपंच व प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। समस्या को देखते हुए ग्रामीण मदनलाल बिछवाल, रोशन सिंधु, छींतर सैनी, पांचूराम सैनी, प्रभात, सुल्तान बिछवाल, रूडाराम समेत अन्य ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से रास्ते में मोहर्रम डालकर रास्ता दुरुस्त कर दिया। अब ग्रामीणों का आवागमन सुलभ हो गया है।
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क्या कहती है सरपंच
ग्रामीणों ने सराहनीय कार्य किया है। ढाणी का रास्ता रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने के कारण सडक़ नहीं बन पा रही। रास्ता रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए लोगों से समझाइश की जा रही है।------सुनीता सिंधु, सरपंच
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बहुमंजिला इमारतों में नहीं फायर सेफ्टी, आमजन की सुरक्षा भगवान भरोसे
परिवाद पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 8 सप्ताह में कार्रवाई के निर्देश दिए
शाहपुरा। कस्बे में आपातकालीन परिस्थिति में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए जरूरी फायर सेफ्टी को नजरअंदाज कर धड़ल्ले से बन रही बहुमंजिला इमारतों का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। कस्बा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता के परिवाद पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संबंधित विभाग को निर्देश जारी कर ८ सप्ताह में कार्रवाई करने के जिला कलक्टर को निर्देश दिए हैं। आयोग ने इसकी पालना रिपोर्ट भी मांगी है। उल्लेखनीय है कि कस्बा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता विजय ताम्बी ने इस संबंध में मई माह में परिवाद दिया था। उसने शिकायत में बताया कि शाहपुरा कस्बे में संबंधित विभाग से फायर एनओसी के बिना अवैध रुप से बहुमंजिला इमारतें बन रही है। इन बहुमंजिला इमारतों में फायर सेफ्टी को नजरअंदाज किया जा रहा है। अधिकांश बहुमंजिला कॉम्पलेक्सों, कोचिंग संस्थानों, स्कूल भवनों व अस्पतालों में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं है। ऐसे में कभी आगजनी की घटना हो जाए तो आमजन की सुरक्षा भगवान भरोसे है। कई कॉम्पेलक्स तो रिहायशी इलाके में बने हुए हैं। जहां से हर रोज हजारों लोगों का आवागमन होता है। साथ ही आसपास आबादी होने से परेशानी पैदा हो सकती है।
Published on:
04 Aug 2018 08:25 pm
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