बस्तर

बेला भाटिया केस ने लिया नया मोड़, पुलिस डायरी से अहम दस्तावेज गायब, इधर बेला ने खुद जुटाए सारे सबूत

मामले की जांच में कुछ भी सबूत हाथ नहीं लगा इसे खत्म कर दिया जाए पीडि़त सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने अपने तौर पर जुटाए सारे सबूत अदालत को सौंप दिए

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Jan 17, 2018

जगदलपुर . परपा में रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया के घर पर सुनियोजित तौर पर हमला बोलने वाले मामले में साल भर बाद भी पुलिस के हाथ कोई सबूत नहीं लग पाया। पुलिस इस मामले का खात्मा करने मंगलवार को जब जिला व सत्र न्यायालय पहुंची तो वहां उसका सामना बेला भाटिया से हो गया। पुलिस का कहना था कि मामले की जांच में कुछ भी सबूत हाथ नहीं लगा है। इसलिए इसे खत्म कर दिया जाए। दूसरी तरफ पीडि़त सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने अपने तौर पर जुटाए सारे सबूत अदालत को सौंप दिए हैं।

इसमें आरोपियों के नाम.पता, परपा गांव में हमले करने वाले जिस गाड़ी में भर कर लोग पहुंचे थे उसकी जानकारी जुटा ली है। बेला भाटिया ने सीजेएम अच्छे लाल काछी की अदालत में मामले का खात्मा नहीं करने व इंसाफ की मांग की है। दसअसल बेला भाटिया रविवार कोर्ट पहुंची थी, क्योंकि पुलिस ने 23 जनवरी को हुए उनके घर पर हमला करने वालों की साल भर तक तफ्तीश करने के बाद किसी भी आरोपी को पता नहीं लगा पाई है। इसके चलते पुलिस ने कोर्ट में खात्मा के लिए इस मामले को भेजा था।

मंगलवार को इस मामले में बेला का बयान लिया जाना था। वे कोर्ट पहुंची और जज के सामने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पुलिस की जांच में भले ही आरोपी अज्ञात हों लेकिन उन्होंने जो अपनी तरफ से तफ्तीश की। उसके जरिए उनके पास 4 आरोपियों के नाम हैं, और जिस गाड़ी से हमलावर उनके यहां पहुंचे थे, उसका नंबर उनके पास है और वाहन की डिटेल भी उन्होंने आरटीओ से निकाल ली है। उन्होंने अदालत में इस मामले का खात्मा नहीं किए जाने की बात कहते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

वाहन आरोपी बाबू बोराई के नाम पर
बेला ने बताया कि 23 जनवरी 17 को वे परपा में अपने घर पर अकेली थीं। तब वाहन में भरकर हमलावर उनके निवास पहुंचे थे। हिम्मत जुटाते हुए उन्होंने वाहन का नंबर और आरोपियों की फोटो खींच ली थी। मामले की तफ्तीश करते हुए जिस आरोपी ने जिस वाहन की जानकारी जुटाई है, यह वही मृनमय बोराई उर्फ बाबू बोराई है जिस पर बेला ने पहले भी मोबाईल चोरी का साथ देने और एक अन्य मामले में एफआईआर दर्ज करा चुकीं हैं। साथ ही बाबू उसी विवादास्पद अग्नि संस्था से जुड़ा है जिन पर सामाजिक कार्यकर्ताओं और लीगल एड पर हमला करने का आरोप लग चुका है। इसमें आरोपी बाबू के साथ, दिनेश ठाकुर, टकलु उर्फ राजू, विशाल का नाम है।

क्या है मामला
दरअसल 36 घंटे में दूसरी बार बेला भाटिया के घर 23 जवनरी 2017 को पहुंचकर लोगों ने हुड़दंगी की थी। इसके बाद बेला ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद मामला बढ़ता देख सीएम के निज सचिव व नक्सल डीजी भी उनके यहां पहुचंे थे। इस घटना के बाद उन्हें सुरक्षा गार्ड प्रदान करते हुए शासकीय आवास दिया गया था और घटना के बाद पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी।

नंबर प्लेट का सीरिज कोड वह नहीं देख सकी
बेला ने बताया कि उनके घर हमला करने आए वाहन का नंबर सीजी 17 3056 था। वाहन के नंबर प्लेट का सीरिज कोड वह नहीं देख सकी थी। इसलिए इसकी तफ्तीश करते हुए वे आरटीओ पहुंची जहां इस नंबर के तहत 16 वाहन पाए गए। सभी सीरिज कोड के हिसाब से 16 वाहन थे, जिसमें से एसयूवी टाइप की एक ही वाहन थी। इसका रजिस्ट्रेशन मृनमय बोराई के नाम से है।

पुलिस की डायरी से अहम दस्तावेज गायब
उन्होंने बताया कि हमले के दौरान उन्होंने जो भी फोटोग्रॉफ्स और फोटो लिए थे वह सब उन्होंने पुलिस के पास जमा किए थे। लेकिन पुलिस ने जो दस्तावेज कोर्ट में जमा किए थे, उससे यह सारी चीजें गायब थी, इसलिए अदालत में बयान दर्ज कराते हुए उन्होंने जज को यह दस्तावेज भी जमा करवाए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस तात्कालिक आईजी एसआरपी कल्लूरी और एसपी आरएन दाश के दबाव में ऐसा काम कर रहे हैं।

Published on:
17 Jan 2018 10:45 am
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