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अच्छे-बुरे से अनजान बच्चे कैसे अपराध की दुनिया में बढ़ा रहे कदम, आइए जानते हैं वजह

शहर के लोगों ने कहा, माता-पिता से दूरी व संचार साधनों का बेइंतहा उपयोग बढ़ा रहा बाल अपराध। डरकर झूठ बोलना भी है अपराध।

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Womens Representatives said threat to such a teacher society

आइए जानते है बाल अपराध के संबंध में शहरवासियों का राय, क्या कहता है इनका विवेक

आइए जानते है बाल अपराध के संबंध में शहरवासियों का राय, क्या कहता है इनका विवेक

जगदलपुर . माता-पिता से दूरी और संचार साधनों का उपयोग नाबालिगों को अपराध की दुनिया में धकेल रहे हैं। जिंदगी की आपाधापी व अंधी दौड़ में माता-पिता बच्चो को पर्याप्त समय नहीं दे पाते है। अच्छे-बुरे से अनजान यही बच्चे टीवी, इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री और वीडियोज देखकर हिंसा और नशा की दुनिया की ओर मुड़ जाते हैं। एक वक्त था जब बच्चों को मौत का मतलब पता नहीं था, आज बच्चे आत्महत्या जैसे कदम उठाने से भी हिचकते नहीं हैं। इसके अलावा अब बच्चों में जरूरत से ज्यादा पढ़ाई का बोझ बनने लगा है।

डरकर झूठ बोलना भी है अपराध
स्कूल, ट्यूशन व होमवर्क आदि में बच्चे इतने ज्यादा व्यस्त हो गए है कि उनके पास अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए भी वक्त ही नहीं है। पढ़ाई से जुड़े काम नहीं करने से कई बार बच्चे डर के कारण झूठ बोलने लग जाते है। फिर आगे चल कर यहीं झूठ आदत बन जाती है। परिणाम बच्चे अपराध की तरफ बढऩे लगते है। बच्चों के नशीले पदार्थ व अपराधिक गतिविधियों को लेकर शहरवासियों ने यह राय दी।

* बच्चे बीड़ी, सिगरेट खरीदने आते है। कई बार तो माता पिता ही भेज देते है। एेसे में तो बच्चे जो देखेगे, सुनेगे वही सीखेंगे। हम कोशिश करते हैं कि बच्चों को यह सब सामग्री ना दें।
जयचंद झा, पानठेला

* बच्चे गलत गतिविधियों की तरफ बढ़ रहे है तो इसकी वजह है संगति, अभिभावकों के पास समय की कमी व मॉडर्न सोसाइटी। लोग दिखवे में आकर कई एेसे काम कर रहा है जो उसे नही करना चाहिए। यहीं दिखवा बच्चों के अंदर अपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ा रहा है।
अल्पना लुनिया, अभिभावक

* मेरे पानठेले में बच्चे गुटखा, तम्बाकू , बीड़ी, सिगरेट लेने आते है। पर मैं दस साल से छोटे बच्चों को नहीं देता हूं। यह बात बिल्कुल सही है कि अब बच्चे नशे की तरफ रूख कर चुके है।
दिलीप चौधरी, पानठेला

* कसी भी व्यक्ति को अपराध की तरफ उसका वातावरण जिम्मेदार होता है। किशोरों के अपराध की ओर उन्मुख का मुख्य कारण वैयक्तिक स्वतंत्रता में वृद्धि के कारण नैतिक मूल्यों में बिखराव है। इंटरनेट व मीडिया ने तो अपराध का तरीका भी सिखा दिया है। बच्चों का जल्दी सब कुछ पाना भी अपराध को जन्म देता है।
विश्वमोहन मिश्र, शिक्षक

* मोबाइल, टीवी ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अपराध की ओर ढकेलने का मुख्य कारण है। बच्चों को समय से पहले उन बातों का पता चल जाता है जिनसे उन्हें दूर रहना चाहिए। बच्चों में सीखने की क्षमता ज्यादा होती है। इस लिए वह जो देखते है वहीं सीखते है। अभिभावकों को इन्ही बातो का ध्यान रखना चाहिए।
भुवनलाल निषाद, शिक्षक

* यदि बच्चे गलत राह की ओर बढ़ रहे है तो इसकी वजह है उनकी परवरिश ठीक से नहीं होना। माता पिता बच्चों के सामने जो करेगे बच्चे भी ठीक वैसा ही करेंगे। इस लिए हमें बच्चों को अपना समय देना चाहिए और अच्छी बातें सिखानी चाहिए। यह हमारे व भावी पीढ़ी के लिए ठीक भी हैं।
सुशीला ईनानी, अभिभावक